Thursday, May 15, 2025
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ग्राम पंचायत मलगहिया में मनरेगा के नाम पर भ्रष्टाचार

रोजगार सेवक लगा रहे मजदूरों की फर्जी हाजिरी, जिम्मेदार अंजान.
बिना सीआईबी बोर्ड लगाये सिर्फ कागजों में हो रहा कार्य, मौके से मजदूर नदारद
बढ़नी सिद्धार्थनगर।सरकार एक तरफ जहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए जिरोटालरेंस की निति पर काम करने की बात कर रही है। वहीं दूसरी तरफ ब्लाक मुख्यालय बढ़नी में कार्यरत जिम्मेदार अधिकारियों के मिली भगत से  सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना जमीनी धरातल पर उतरने से पहले ही भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ रही है।
गांव के मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कर मजदूरों को दूसरे प्रदेश में पलायन से रोकने के लिए चलाई जा रही मनरेगा योजना जिम्मेदारों के चलते भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई है। ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक, पंचायत सचिव जिनके द्वारा इस योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
बढ़नी विकास खंड के ग्राम पंचायत मलगहिया गांवों में मनरेगा योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है.। अर्रा नाला से खालिद के खेत तक कुला खुदाई के नाम पर करीब छः दर्जन से अधिक लोगों की फोटो से फोटो की फर्जी हाजिरी लगाई जा रही है। जब इसकी जमीनी स्तर पर पड़ताल की गई तो मनरेगा योजना में हो रही भ्रष्टाचार की कलई परत दर परत खुलकर सामने आने लगी है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जो गांव में कभी साइड पर नहीं जाते हैं ।उनके नाम से साइड पर कार्य करते हुए आनलाइन मास्टरोल में हाजिरी लगा दी जाती है।. ग्राम पंचायत में नियुक्त तकनीकी सहायक द्वारा बिना साइड पर गए एमबी कर दी जाती हैं, मजदूरों के खाते में पैसे भेज कर निकलवा लिया जाता है।. जिसमें दो चार सौ रुपए उन मजदूरों को पैसे दे दिए जाते है, जिनको मनरेगा मजदूर बनाया गया और वो कभी साइड पर नहीं जाते हैं।
सबसे बड़ी बात हैं कि मनरेगा योजना से हो रहें कार्यों में कहीं भी कार्य स्थल पर कार्य शुरू होने और समाप्ति तक डिस्पले बोर्ड नहीं लगता है । डिस्पले बोर्ड तब लगाया जाता जब उस परियोजना का कागज़ी आंकड़ों में काम होकर पेमेंट हो जाता. ताकि ग्रामीणों को इसकी जानकारी न होने पाएं की इस सड़क पर मिट्टी कार्य हो रहा है ।और कितने मजदूर काम कर रहें हैं। और कितने मजदूरों का फर्जी हाजिरी लगाकर पेमेंट कराया जा रहा है।. इसमें सबसे बड़ी समस्या उन मजदूरों को हो रही है,जो वास्तविक मजदूर हैं और उनको रोजगार नहीं मिल पा रहा. इस समय मनरेगा योजना में सरकारी धन का बंदरबाट खूब हो रहा है।
उक्त संबंध में एपीओ शाहिद सिराज का कहना है कि मुझे कोई जानकारी नही है।रोजगार सेवक से जानकारी प्राप्त की जा रही है।
खंड विकास अधिकारी यशोवर्धन सिंह का कहना है कि मामले की जांच कराकर आगे की कार्यवाही की जायेगी।
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