कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने और जांच में सहयोग न करने वाले लोगों के लिए दारूल उलूम फरंगी महल ने गुरुवार को फतवा जारी किया है। मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा है कि कोरोना का टेस्ट और इलाज करवाना जरूरी और इस बीमारी को छुपाना अपराध बताया गया है। अपनी जान या किसी दूसरे की जान को खतरे में डालना इस्लाम में हराम बताया गया है।
मौलान फरंगी महली ने कहा कि कोरोना वायरस की जद में आए लोगों को अपना टेस्ट कराना चाहिए और इलाज भी जरूरी है। इस्लाम में एक इंसान की जान बचाना कई इंसानों की जान बचाने जैसा है। इसको छिपाना कतई जायज नहीं है। अगर लोग महामारी में अपना इलाज और टेस्ट नहीं कराते हैं लोग तो ये बिल्कुल गैर शरई काम है।
पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस (COVID-19) से जंग लड़ रही है। दुनियाभर में वायरस के कारण 47,249 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं संक्रमित लोगों की संख्या नौ लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है। भारत में संक्रमित मामलों की संख्या 1965 हो गई है, जबकि इस महामारी से 50 लोगों की मौत भी हुई है। कोरोना वायरस को देखते हुए देश में 21 दिनों तक लॉकडाउन है।