अमेरिका और नार्थ कोरिया में कम हो रहे हैं कोरोना के मामले

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न्यूयार्क। दो साल तक कोरोना वायरस ने अमेरिकियों पर कहर बरपाया। संक्रमण के मामले जिस रफ्तार से बढ़े, उसी रफ्तार से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ा। लेकिन लगता है कि यह पैटर्न अब बदल रहा है। विज्ञानियों और विशेषज्ञों ने यह रेखांकित किया है कि संक्रमण की गति और मौतों की संख्या में इतना अंतर पहले कभी नहीं रहा। उत्तर-पूर्वी अमेरिका में मौत के मामले तेजी से नहीं बढ़ रहे हैं। यह वही क्षेत्र है जहां ताजा लहर शुरू हुई थी। पूरे देश में भी यही रुझान रहने के आसार हैं। यह तस्वीर कहीं अधिक संक्रामक माने जाने वाले वैरिएंट ओमिक्रोन के प्रसार के दौर यानी पिछले लगभग तीन माह में सामने आई है।

विशेषज्ञ इस पर भी जोर दे रहे हैं कि अमेरिका कोविड का सामना करने के लिहाज से पहले के मुकाबले बेहतर तैयारी की हालत में है। चूंकि बड़ी संख्या में लोग टीके की जरूरी डोज ले चुके हैं या वे संक्रमित हो चुके हैं या फिर दोनों तरह के मामले हैं, इसलिए ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम हो गई है जिनका इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरोधक शक्ति वायरस का सामना करने लायक नहीं है।

जान हापकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ के एक रिसर्चर डा. डेविड डाउडी कहते हैं कि अब इस तरह के पाकेट नहीं रह गए हैं जिनमें टीकाकरण न कराने वाले लोग हों। कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों में बड़ी संख्या बुजुर्ग लोगों की है। वायरस टीका लगवा चुके लोगों की तुलना में उन लोगों को ज्यादा निशाना बनाता है जिन्होंने डोज नहीं ली है। जिनकी प्रतिरोधक शक्ति कम है वे भी खतरे में हैं। कोविड अभी भी औसतन 314 लोगों की जान ले रहा है। यह जनवरी 2021 में रोज के आंकड़े के मुकाबले दसवां हिस्सा है।

वहीं दो साल से अधिक समय तक कोरोना के किसी भी मामले को लगातार नकारने के बाद, उत्तर कोरिया ने COVID-19 के प्रकोप को स्वीकार किए हुए केवल एक महीना ही हुआ है। लेकिन हो सकता है कि वह पहले से ही जीत का ऐलान करने की तैयारी कर रहा हो।

दक्षिण कोरियाई सरकार के साथ-साथ कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​​​है कि उत्तर कोरिया जल्द ही यह घोषणा कर सकता है कि उसने वायरस को हरा दिया है, निश्चित रूप से, नेता किम जोंग उन के मजबूत और चतुर मार्गदर्शन से जुड़ा हुआ है।

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