ट्रंप प्रशासन ने लगभग 10 मिलियन डॉलर की गर्भनिरोधक सामग्री को नष्ट करने का निर्णय लिया जिससे विवाद उत्पन्न हो गया है। सहायता समूहों और डॉक्टरों ने इसे महिलाओं के अधिकारों पर हमला बताया है। सामग्री को बेल्जियम में रखा गया है और फ्रांस में जलाने की योजना है। यूरोपीय देश नष्ट करने की प्रक्रिया को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
अमेरिका की ट्रंप सरकार ने करीब 10 मिलियन डॉलर की कीमत वाली महिलाओं की गर्भनिरोधक सामग्री को नष्ट करने का फैसला किया है।
इस फैसले के बाद देश में हंगामा बरप गया है। डॉक्टरों और सहायता समूहों ने इसे महिलाओं के अधिकारों पर हमला और बर्बादी भरा कदम बताया है।
ये सामग्री बेल्जियम में रखी है और इसे फ्रांस में जलाने की योजना है। दोनों यूरोपीय देश इस नष्ट करने की प्रक्रिया को रोकने के लिए दबाव में हैं।
यह कदम खास तौर पर गरीब देशों, खासकर उप-सहारा अफ्रीका की महिलाओं के लिए बड़ा झटका है।
18 जुलाई को ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने दो अमेरिकी कांग्रेस सूत्रों के हवाले से बताया कि ट्रंप प्रशासन 9.7 मिलियन डॉलर की गर्भनिरोधक सामग्री, जैसे आईयूडी और बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट्स को नष्ट करने जा रहा है। ये सामग्री बेल्जियम के जील शहर में एक गोदाम में रखी है और जुलाई के अंत तक इसे जलाने की योजना है।
क्या है अमेरिका का प्लान?
अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह सामग्री बाइडेन सरकार के खत्म हुए यूएसएआईडी डील से जुड़ी है। ट्रंप ने जनवरी में सत्ता संभालते ही यूएसएआईडी (USAID) को खत्म कर दिया। USAID विदेशी सहायता के लिए एक बड़ा और अहम जरिया था।
प्रवक्ता ने कहा कि इसे नष्ट करने की प्रक्रिया में 1,67,000 डॉलर खर्च होंगे और इसमें कोई एचआईवी दवा या कंडोम शामिल नहीं है। लेकिन यह फैसला दुनिया भर में आलोचना का कारण बन रहा है।
विदेश विभाग ने यह भी कहा कि यह कदम मेक्सिको सिटी पॉलिसी के तहत लिया गया है, जिसे आलोचक ‘ग्लोबल गैग रूल’ कहते हैं।
इस नीति के तहत उन गैर-सरकारी संगठनों को सहायता देने से मना किया जाता है जो गर्भपात को बढ़ावा देते हैं या उसका समर्थन करते हैं। यह नीति 1984 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने शुरू की थी और तब से हर रिपब्लिकन राष्ट्रपति इसे लागू करता आया है।
क्यों हो रही है यह बर्बादी?
ट्रंप प्रशासन ने विदेशी सहायता में भी भारी कटौती की है। हाल ही में सीनेट ने 8 अरब डॉलर की कटौती को मंजूरी दी, जिसमें से ज्यादातर यूएसएआईडी के लिए था।
शोध बताते हैं कि इन कटौतियों से 2030 तक 14 मिलियन लोगों की जान जा सकती है। इसके अलावा, इस महीने की शुरुआत में अमेरिका ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कुपोषित बच्चों के लिए बनी 500 मीट्रिक टन उच्च पोषण वाली बिस्किट्स को भी जला दिया था।
विदेश विभाग ने दावा किया कि ये गर्भनिरोधक सामग्री अपनी एक्सपायर डेट के करीब है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनकी एक्सपायरी डेट अप्रैल 2027 से सितंबर 2031 तक है।
ट्रंप ने अमेरिका में भी गर्भपात के अधिकारों को सीमित करने के कई कदम उठाए हैं, जिसमें 2022 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से गर्भपात के राष्ट्रीय अधिकार को खत्म करने का श्रेय भी उन्होंने लिया।
विकल्प क्या हैं?
बेल्जियम की सरकार ने इस मुद्दे पर अमेरिकी दूतावास से बात शुरू की है और इस सामग्री को नष्ट होने से बचाने के लिए हर संभव रास्ता तलाश रही है। बेल्जियम का विदेश मंत्रालय इसे अस्थायी रूप से कहीं और भेजने की संभावना पर भी विचार कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय संगठन एमएसआई रिप्रोडक्टिव चॉइसेज ने इन सामग्रियों को खरीदने, पैक करने और जरूरतमंदों तक पहुंचाने की पेशकश की, लेकिन इसे ठुकरा दिया गया।
इसी तरह, इंटरनेशनल प्लान्ड पेरेंटहुड फेडरेशन (आईपीपीएफ) ने भी बिना किसी खर्च के यह सामग्री लेने की पेशकश की, लेकिन इसे भी अस्वीकार कर दिया गया।
ये संगठन इस सामग्री को गरीब देशों की महिलाओं तक पहुंचाना चाहते थे, लेकिन अमेरिकी प्रशासन ने उनकी पेशकश को नजरअंदाज कर दिया।