बिचौलियों का बोलबाला, मनमाने ढंग से वसूली जारी
सरीला (हमीरपुर)। नगर के उप डाकघर में तैनात कर्मचारियों की मनमानी से उपभोक्ता परेशान हैं। सरकार जन सरोकार से जुड़ी कई महत्वपूर्ण योजनाएं डाक विभाग के माध्यम से संचालित करती है, मगर कर्मचारियों की लापरवाही और मनमानी के चलते उपभोक्ताओं को इन योजनाओं का वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है।
उपभोक्ताओं का कहना है कि डाकघर में बचत पत्र या बचत खाता खोलने से लेकर भुगतान तक हर कार्य में महीनों की भागदौड़ करनी पड़ती है। वहीं बिना बिचौलिये के कोई कार्य नहीं होता। सबसे गंभीर मामला आधार सेवा केंद्र से जुड़ा है — जहां उपभोक्ताओं से 200 से 300 रुपये तक वसूले जा रहे हैं, जबकि सरकार ने आधार अपडेट की शुल्क राशि 75 रुपये और नए नामांकन की फीस निशुल्क निर्धारित की है।
हरसुंडी गांव निवासी अवधेश ने बताया कि मंगलवार को उन्होंने आधार में मोबाइल नंबर अपडेट कराने के लिए आवेदन किया तो कर्मचारी ने 200 रुपये की मांग की। विरोध करने पर उनसे खाता खुलवाने का दबाव बनाया गया और मना करने पर अपडेट करने से इंकार कर दिया गया।
पोस्टमास्टर सुभाष वर्मा ने स्वीकार किया कि “उच्चाधिकारियों के दबाव” के कारण पहले खाता खुलवाना पड़ता है, उसके बाद ही आधार में मोबाइल अपडेट किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा न करने पर विभागीय टारगेट पूरा नहीं हो पाता।
वहीं डाकघर में तैनात अधिकांश पोस्टमैन भी अपने कर्तव्यों का पालन सही ढंग से नहीं कर रहे हैं। वे आवश्यक दस्तावेज समय पर उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाते और डिजिटल माध्यम से डिलीवरी दर्शाकर खानापूर्ति कर देते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार डाकिया दस्तावेज गांव के किसी दुकान या परिचित व्यक्ति के यहां रखकर अपना दायित्व पूरा दिखा देते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को समय बीत जाने के बाद ही जरूरी कागजात मिल पाते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सब कुछ पोस्टमास्टर की जानकारी में होने के बावजूद कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर डाकघर में यह मनमानी किसकी शह पर चल रही है?
जनता अब प्रशासन से मांग कर रही है कि सरीला उप डाकघर में हो रही इस मनमानी की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।





