लखनऊ : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने तेलंगाना में ‘सोशल मीडिया वॉरियर्स मीट’ और ‘विजय संकल्प सम्मेलन’ को संबोधित करने के दौरान कांग्रेस सहित बीआरएस और मजलिस को निशाने पर लेते हुए स्पष्ट किया कि, ‘कांग्रेस 4 पीढ़ियों से सिर्फ गरीबी हटाओ का नारा ही दे रही है, लेकिन बदले में गरीबों को हटाने का काम कर रही है।’
आजादी के बाद दशकों तक कांग्रेस ने तीन तलाक को ओवैसी और वोट बैंक के डर से नहीं हटाया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन तलाक को खत्म करके मुस्लिम महिलाओं को सम्मान देने का काम किया। कांग्रेस 4 पीढ़ियों से सिर्फ गरीबी हटाओ का नारा ही दे रही है, जबकि मोदी सरकार में गरीबों का उत्थान हुआ है। वादा चाहे धारा 370 को हटाने का हो, प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण का हो, देश भर में सीएए लागू करने का हो – बीते 10 वर्षों में मोदी सरकार ने अपना किया हर वादा निभाया है।
तेलंगाना सहित देश की जनता जानती है कि बीआरएस और कांग्रेस मजलिस के प्रभाव से चलती हैं। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में तेलंगाना की जनता ने मजलिस के प्रभाव को कम करने के लिए कांग्रेस पर अपना विश्वास जताया। लेकिन तेलंगाना विधानसभा की शुरुआत होते ही, कांग्रेस ने मजलिस के नेता को प्रोटेम स्पीकर बनाने का काम किया। वोट बैंक के लालच के कारण कांग्रेस और बीआरएस दोनों न तो हैदराबाद स्थापना दिवस मनाते हैं और न ही सरदार वल्लभभाई पटेल जी का सम्मान करते हैं। तेलंगाना सहित देश की जनता ने यह देखा है कि बीआरएस, कांग्रेस और मजलिस का लक्ष्य अपने परिवार को सत्ता पर बैठाना है। इतिहास गवाह है कि कांग्रेस में जवाहरलाल नेहरू के बाद इंदिरा गांधी, उसके बाद राजीव गांधी, उसके बाद सोनिया गांधी और अब राहुल गांधी। इसी तरह केसीआर के बाद केटीआर। ओवैसी की पार्टी मजलिस भी परिवारवादी पार्टी है। इन सभी पार्टियों का लक्ष्य अपने बेटे और बेटियों का कल्याण करना है। जो पार्टियाँ केवल अपने परिवार का भला सोचते हैं वे कभी तेलंगाना या देश के युवाओं, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं, किसानों और दलितों का भला नहीं कर सकते।
2024 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियाँ चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं। ऐसे में कमल का पताका फहराने और 2024 में एक बार फिर से नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता अमित शाह ने कमर कस ली है। किसी भी चुनाव से पूर्व भारतीय राजनीति के चाणक्य अमित शाह की तैयारियों, उनकी रणनीतियों और संगठन के प्रति उनकी कर्मठता को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनाव का परिणाम उनके हक में होगा। अमित शाह ने अपनी रणनीतियों से देश के उन राज्यों में भी भाजपा को मजबूत स्थिति में ला दिया है, जहाँ एक वक्त में भाजपा की स्थिति कमजोर थी। यदि भारतीय राजनीति में ‘मोदी मैजिक’ का अपना जादू है तो किसी भी चुनाव में वोट बटोरने के लिए अमित शाह का नाम ही काफी है। मोदी सरकार की उपलब्धियों और पूरी की गई गारंटियों के आधार पर यह मान लेना चाहिए कि अबकी बार 400 पार और नरेन्द्र मोदी की सरकार सुनिश्चित है।
Also read