दुर्गा पूजा से पहले ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से 29 सिविक वॉलंटियर्स को ड्यूटी से हटा लिया गया है। कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार सूत्रों के अनुसार, इन वॉलंटियर्स को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया है। उनकी जगह अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अस्पतालों और स्कूलों जैसी संवेदनशील जगहों पर सिविक वॉलंटियर्स तैनात नहीं किए जा सकते।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने यह आदेश दिया था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय बलों और पुलिस की संयुक्त तैनाती के कारण सुरक्षा की दृष्टि से कोई समस्या नहीं होगी। हालांकि, अन्य सरकारी अस्पतालों में सिविक वॉलंटियर्स की तैनाती हटाने के बाद सुरक्षा प्रबंधों पर अभी भी चर्चा जारी है।
कोलकाता पुलिस में लगभग छ: हजार पद खाली हैं, और शहर के सभी सरकारी अस्पतालों में लगभग 20-30 सिविक वॉलंटियर्स तैनात हैं। ये वॉलंटियर्स पुलिसकर्मियों और होम गार्ड्स की सहायता के साथ-साथ अस्पताल की सुरक्षा में भी योगदान देते हैं।
उल्लेखनीय है कि नौ अगस्त को आरजी कर कांड के आरोप में सिविक वॉलंटियर संजय राय को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि उसकी उस दिन अस्पताल में कोई ड्यूटी नहीं थी, फिर भी वह अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मौजूद था। इसके बाद अस्पताल में सिविक वॉलंटियर्स की ड्यूटी और उनकी आवाजाही पर सवाल उठाए गए, जिसके चलते पुलिस ने इन वॉलंटियर्स को प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया। यह प्रशिक्षण जनवरी से शुरू होगा।
लालबाजार की ओर से बताया गया कि आरजी कर घटना के बाद शहर के अस्पतालों में सीसीटीवी निगरानी की जरूरत का आकलन किया गया। आरजी कर अस्पताल में पहले से मौजूद 199 सीसीटीवी कैमरों के अतिरिक्त लगभग 500 नए कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही, अस्पताल में तैनात निजी सुरक्षा कर्मियों को भी प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार से एक शपथपत्र के रूप में विस्तृत रिपोर्ट की मांग भी की है।