कौशल विकास से जुड़ रहे परिषदीय विद्यालयों के बच्चे

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चपन से

ही छात्रों को कौशल विकास से जोड़कर उन्हें भविष्य के लिए तैयार कर रही योगी सरकार

योगी सरकार बचपन से ही

छात्रों को कौशल विकास से जोड़कर उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में आगे

बढ़ रही है। शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग के ‘शिक्षा सप्ताह’ के तहत बच्चों को कौशल विकास से

संबंधित जानकारियां दी गईं और उन्हें इसके लाभ बताए गए। उल्लेखनीय है कि योगी

सरकार प्रदेश में शिक्षा का उत्कृष्ट वातावरण तैयार करने व परिषदीय विद्यालयों के

माध्यम से उत्तर प्रदेश को ‘निपुण प्रदेश’ बनाने के

लिए लगातार कोशिशें कर रही है। कौशल विकास भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा बन रहा है।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षा

मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के सभी

परिषदीय विद्यालयों में 22 से 28/29 जुलाई तक ‘शिक्षा सप्ताह’ मना रहा है। इसके तहत प्रत्येक दिन

विभिन्न गतिविधियों का आयोजन हो रहा है। शिक्षा सप्ताह के प्रत्येक दिन एक विशिष्ट

गतिविधि में बच्चों को शामिल किया जा रहा है। इसी कड़ी में शिक्षा सप्ताह के

पांचवें दिन, बेसिक

शिक्षा विभाग ने ‘कौशल एवं

डिजिटल इनिशिएटिव्स दिवस’ मनाया। इस

दौरान बच्चों को कौशल से जुड़ी जानकारियां दी गईं और उनके भविष्य को संवारने के लिए

परिषदीय शिक्षकों ने अनूठे अंदाज में इसको प्रस्तुत किया। दिन भर चले कार्यक्रमों

के माध्यम से बच्चों के भविष्य को तय करने वाली जानकारियां दी गईं।

बुनियादी

पहलुओं को सीखने का मिला अवसर

शिक्षा

सप्ताह के पांचवें दिन बच्चों को संचार, बिक्री तकनीक और विपणन रणनीतियों में

कौशल विकसित करने के लिए अभ्यास का अवसर मिला। विशिष्ट ऐतिहासिक स्थलों के समृद्ध

इतिहास को बताया गया। इसके साथ ही, ऐतिहासिक स्थलों के सांस्कृतिक महत्व

बताए गए। कृषि और प्राकृतिक पर्यावरण को दिखाया गया। इससे बच्चों को देखकर, सीखने की प्रेरणा मिली। साथ ही उन्हें घरेलू कार्यों की जानकारियों में खाना

पकाने, सफाई और

बागवानी करने जैसी गतिविधियों से परिचित कराया गया। बच्चों को नवाचार के लिए

प्रोत्साहन मिला और उनमें तकनीकी समाधान विकसित करने की कोशिश हुई। प्रतिभागियों

को अपने कौशल को दिखाने और सुधारने का मौका मिला, जबकि उन्हें मीडिया, मनोरंजन, एनिमेशन और डिजिटल माध्यमों के बारे

में भी जानकारी दी गई। डिजाइन थिंकिंग से परिचित कराया गया तो समस्या-समाधान

प्रक्रिया से भी बच्चे परिचित हुए। इसके अतिरिक्त जरूरतों और दृष्टिकोण को केंद्र

में रखते हुए रचनात्मक समाधान तक पहुंचने के टिप्स दिए गए, जबकि बच्चों को मिट्टी कौशल के

बुनियादी पहलुओं को सीखने का भी अवसर मिला। बांसशिल्प से सामान बनाना और रद्दी से

बैग बनाने के टिप्स मिले तो प्रोफेशनल्स ने बच्चों को करियर और कौशल विकास के महत्व के बारे में बताया।

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