गोरखपुर के बाल कैंसर रोगियों को लखनऊ में भी मिल रहा सहारा

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अवधनामा संवाददाता

गोरखपुर मंडल के 189 बाल कैंसर रोगियों की हो चुकी है मदद

लक्षण दिखते ही मेडिकल कॉलेज, एम्स या लखनऊ के उच्च चिकित्सा संस्थानों में करा सकते हैं इलाज

गोरखपुर । कैंसर पीड़ित गोरखपुर मंडल के बाल रोगियों को सिर्फ गोरखपुर में ही नहीं बल्कि लखनऊ में भी सहारा मिल रहा है । एक अप्रैल 2022 से लेकर 19 मई 2023 के बीच ऐसे 189 बाल कैंसर रोगियों को महंगी दवाओं, डायग्नोसिस और कुछ मरीजों व परिजनों को लखनऊ में तो ठहरने की सुविधा भी दी जा चुकी है । यह पहल करने वाली कैनकिड्स किनकैड्स संस्था का प्रयास है कि लक्षण दिखते ही बाल कैंसर रोगियों के परिजन गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर या फिर लखनऊ के उच्च चिकित्सा संस्थानों में इलाज के लिए आगे आएं । शीघ्र पहचान और समय से इलाज से बच्चे कैंसर से मुक्ति पा सकते हैं।

गोरखपुर जिले के खोराबार ब्लॉक के 32 वर्षीय युवक मोहन (बदला नाम) ने बताया कि वह दिल्ली में रह कर मजदूरी करते हैं । उनके दो जुड़वा बच्चे हैं, एक लड़का और एक लड़की । मार्च में उनके तीन वर्षीय बेटे को बुखार हुआ जो दवा कराने पर ठीक हो गया । बुखार फिर चढ़ गया । यह सिलसिला लगभग एक महीने तक चला । दिल्ली में चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे में ब्लड कम है । वह बच्चे को लेकर गोरखपुर आ गये । गोरखपुर में जिला अस्पताल में 26 अप्रैल को ब्लड चढ़ाया गया लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ । इसके बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दिखाया जहां जांच में ब्लड कैंसर की पुष्टि हुई । वहीं पर कैनकिड्स संस्था की प्रतिनिधि शैला गिरी से मुलाकात हुई जिन्होंने चिकित्सक से डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ के लिए बच्चे को संदर्भित करवाया । लखनऊ आने पर इसी संस्था की प्रतिनिधि नौशीना से मिले, जिन्होंने बच्चे को एडमिट करवाया । संस्था की मदद से महंगी दवाएं मिल जाती हैं और कीमो थैरेपी में भी मदद मिल रही है। बच्चा धीरे धीरे ठीक हो रहा है ।

महराजगंज जिले के नौतनवां निवासी ग्यारहवीं कक्षा के छात्र रहीम (बदला हुआ नाम) का शरीर सात महीने पहले पीला पड़ने लगा । माता पिता उन्हें नेपाल स्थित मेडिकल कॉलेज ले गये जहां डॉक्टर ने डेंगू या ब्लड कैंसर की आशंका जताई । वहीं पर बच्चे को ब्लड चढ़वाया गया और इसके बाद अभिभावक बच्चे को लेकर पीजीआई लखनऊ चले गये । वहां जांच में ब्लड कैंसर की पुष्ट हुई । उनके किसी परिचित ने बताया कि लोहिया अस्पताल में भी इसका इलाज हो जाएगा । सुविधा की दृष्टि से बच्चे को लखनऊ के लोहिया अस्पताल में एडमिट कराया । बच्चे की सेहत में सुधार होने लगा । डॉ सबा और डॉ शिल्पी की निगरानी में इलाज चला । अब बुखार नहीं चढ़ता है। इलाज के दौरान संस्था ने महंगी दवाओं को खरीदने में मदद की । फॉलो अप के लिए हर हफ्ते आना पड़ता है और इस दौरान भी संस्था के प्रतिनिधि सभी जरूरी मदद करते हैं ।

किड्सकैन कैनकिड्स संस्था की राज्य कार्यक्रम समन्वयक डॉ योगिता भाटिया बताती हैं कि पूर्वांचल के अगर किसी भी परिवार में बच्चा कैंसर से पीड़ित है तो मदद के लिए अभिभावक, संस्था के हेल्पलाइन नंबर 9811284806 पर संपर्क कर सकते हैं । उनकी आवश्यता के अनुसार हर संभव मदद की जाती है । जिन बच्चों का लगातार फॉलो अप होना रहता है उनके अभिभावक समेत उन्हें रहने की आवासीय सुविधा भी दिलाई जा रही है।

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