नई दिल्ली। CJI NV Ramana- भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने शनिवार को कहा कि अगर लोगों का न्यायपालिका में विश्वास खत्म हो जाता है, तो लोकतंत्र का अस्तित्व ही दांव पर लग जाएगा। CJI एनवी रमना ने आगे सहा कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि लोगों का न्यायपालिका में विश्वास न टूटे। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने ये बयान उस वक्त आया है। जब वह अगले सप्ताह रिटायर होने वाले हैं।
लोकतंत्र का अस्तित्व ही दांव पर लग जाएगा- CJI
दरअसल, न्यायमूर्ति एनवी रमना आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की उपस्थिति में विजयवाड़ा कोर्ट परिसर के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। CJI एनवी रमना ने कहा कि अगर लोगों का न्यायपालिका पर से भरोसा उठ गया तो लोकतंत्र का अस्तित्व ही दांव पर लग जाएगा। CJI ने कहा कि उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान न्यायाधीशों और 250 से अधिक उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरने पर ध्यान केंद्रित किया। CJI ने कहा कि न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरना और बुनियादी ढांचे में सुधार उनके डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान उनके एजेंडे में शीर्ष पर थे।
देश की अदालतों में बुनियादी ढांचे के सुधार पर दिया जोर- CJI
उन्होंने कहा कि CJI के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के बारह न्यायाधीश और विभिन्न राज्य उच्च न्यायालयों के 15 मुख्य न्यायाधीशों की भी नियुक्ति की गई। CJI ने कहा कि उन्होंने समाज के सभी वर्गों, विशेषकर महिलाओं और पिछड़े वर्गों को न्यायपालिका में उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है। CJI ने आगे कहा कि उन्होंने न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरने और देश भर की अदालतों में बुनियादी ढांचे में सुधार पर बात की और इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के सामने भी उठाया।
CJI ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों का जताया आभार
CJI एन वी रमना ने कहा कि कुछ राज्यों के सामने आने वाली वित्तीय समस्याओं को देखते हुए उन्होंने केंद्र के सामने राज्य के अदालत भवनों के निर्माण के लिए धन प्रदान करवाने पर भी जोर दिया था। उन्होंने कहा कि इसे लेकर केंद्र से कुछ विरोध हुआ था, लेकिन कुछ मुख्यमंत्रियों, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने मेरा समर्थन किया और केंद्र से धन मुहैया कराने की मांग की। मैं उनके समर्थन के लिए उनका धन्यवाद करता हूं।