ब्लड बैंक में दलाल सक्रिय, गरीब मरीजों को बेच रहे खून

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अवधनामा संवाददाता

 
गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए पहुंचाया जा रहा निजी नर्सिंग होम
सीसीटीवी कैमरे की जांच से उजागर हो सकेंगे कई चेहरे
 
ललितपुर। जिला अस्पताल में बीते कई बर्षों से दलाल सक्रिय होने की वजह से  अस्पताल में आने वाले मरीजों का लगातार आर्थिक शोषण जारी है। महिला व पुरुष अस्पताल से लेकर ब्लड बैंक तक दलाल मरीजों से लूट खसोट कर रहे हैं। जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं के तीमारदारों को दलाल गुमराह कर निजी नर्सिंग होम ले जाते हैं जहाँ उनका कमीशन फिक्स रहता है। इन दावों को महिला अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड होते देखा जा सकता है। इतना ही नहीं प्रसव के बाद रक्त की आवश्यकता पडऩे पर प्रसूता के तीमारदार को शीघ्र ही ब्लड की व्यवस्था करने को कहा जाता है, जिसे दलाल अपने झांसे में लेकर ब्लड बैंक में तैनात कर्मियों की मिलीभगत से  पेशेवर ब्लड देने वाले  के जरिए ढ़ाई से तीन हजार रुपये प्रति यूनिट रक्त उपलब्ध करा दिया जाता है। जिला महिला व पुरुष अस्पताल के साथ-साथ ब्लड बैंक में दलालों की सक्रियता इतनी अधिक बढ़ गयी है कि सुदूर ग्रामीण अंचलों से आने वाले मरीजों का आर्थिक शोषण तो हो ही रहा है साथ ही कभी- कभी निजी नर्सिंगहोम में जच्चा बच्चा को जान से भी हाथ धोने पड़ते हैं। जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को गेट से अंदर घुसते ही दलालों की सक्रियता बढ़ जाती है। यह प्रसूताओं को पर्चा बनवाने से लेकर हीमोग्लोबिन, आयरन की जांचों के अलावा अल्ट्रासाउण्ड तक अस्पताल में नि:शुल्क कराते हुये बेहतर प्रसव के लिए बहला-फुसलाकर निजी नर्सिंग होम्स में ले जाते हैं। जहां मरीज को फिर से जांचें, अल्ट्रासाउण्ड और ऑपरेशन तक करने के नाम पर तीस से चालीस हजार रुपये तक वसूल कर लिये जाते हैं। प्राईवेट नर्सिंग होम्स से ऐसे दलालों का कमीशन फिक्स होता है। जिला अस्पताल(पुरुष) में भी दलालों की कमी नहीं है। किसी भी रोग से ग्रसित मरीज के आने पर दलालों द्वारा चिकित्सक से बाहरी दवाओं को लिखवाने के लिए दबाव बनाया जाता है। हड्डी रोग के मामलों में तो जिला अस्पताल के चिकित्सक एक हॉस्पिटल में निजी तौर पर मरीजों को भेजकर ऑपरेशन और प्लास्टर बांधने जैसे कार्य करते देखे जा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर एक्स-रे, सी.टी.स्कैन के अलावा ब्लड सेम्पल लेकर अन्य जांचें जल्द कराने के नाम पर भी वसूली किये जाने की चर्चा है।
इनका कहना है
जिला अस्पताल व ब्लड बैंक में दलाली का मामला संज्ञान में आया है। स्वास्थ्य महकमें के सिस्टम को सुधारा जाएगा। अधिकारियों को दलाली रोकने के लिए सख्त निर्देश देते हुए जिम्मेदारी तय कर दी है। भविष्य में दलाली की कोई शिकायत मिलती है तो जिम्मेदार पर कार्यवाही की जाएगी।
–आलोक सिंह, जिलाधिकारी
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