एस. एन. वर्मा
दुनियां में ब्रेन स्ट्रोक मौत की दूसरी वजह है। स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिक में रक्त संचार में रूकावट आती है, जब खून की नलिका में टूटफूट हो जाये। इससे खून और आक्सीजन का मस्तिष्क उतकों तक पहुचना रूक जाता है। इसे फिर से जिन्दा नहीं किया जा सकता है। इससे लोग विकलांग भी हो जाते है।
भारत में ब्रेन स्ट्रोक के पहले से ही एक करोड़ मामले थे पर अब उसमें 1.29 मिलियन मामले और जुड़ गये है। भारत में हर मिनिट में तीन लोग ब्रेन स्ट्रोक के शिकार होते है। ब्रेन स्ट्रोक के दुनियां भर में लोगो के मौत की दूसरी वजह है। विकलांगता की यह तीसरी वजह है। ये आकड़े भयावह है। इस पर तुरन्त ध्यान देने की जरूरत है और गम्भीरता पूर्वक इससे बचने के प्रयास भी करने चाहिये। यह वैश्विक स्तर पर भी सेहत के देखभाल की खास चिन्ता बनी हुई है।
स्ट्रोक दो तरह के होते है। इसकेमिक स्ट्रोक और रक्तस्रावी स्ट्रोक इस्कोमिक स्ट्रोक से 80 प्रतिशत आघात होते है और 20 प्रतिशत आद्यात रक्तस्रावी से।
स्ट्रोक आदमी के दिनचार्या की गड़बड़ी और स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता से पैदा होते है। ध्रुमपान, ब्लडप्रशेर क्लोस्ट्राल धमनी रोग, निष्क्रिय फिजिकल जीवन इसमें शरीर का मोटापा बढ़ जाता है और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। स्वस्थ पौष्टिक सन्तुलित खानपान, योगा, कसरत, नियमित निर्धारित सन्तुलित जीवन शैली आदि अपना कर इससे बचा जा सकता है।
पर कुछ वजहे है जिसमें मजबूरी है। जैसे बढ़ी उम्र अनुवांशिक वजहों से होने वाले स्ट्रोक का कोई इलाज नहीं हो पाता है। भारत के सन्दर्भ में और दूसरे मुल्कों के सन्दर्भ में जहां निम्न आय वर्ग के लोग ज्यादा हो, वहां के शहरों और गांवो के लोंगो में न्याप्त आघात जनित बीमारियों, मृत्युदरों, और दीर्घकालिक विकलांगता के रोकना जरूरी है। दक्षिण पूर्व एशियाई मुल्कों में वैश्विक स्ट्रोक मृत्युदर और विकलांगता का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। इसलिये आघात के रोकने की कार्यनिति बनाने और लागू करने की अहम जरूरत है। दुनियां के नागरिक स्वस्थय रहेगें तो दुनियां की सम्पन्नता और जीवन की गुणवत्ता बढ़ेगी लोंगो का जीवन स्तर और स्वथ्यस्तर और ऊपर जायेगा।
ब्रेन स्ट्रोको को लेकर लांसेट की रिपोर्ट आई है। वह स्ट्रोक के प्रति जागरण की पुकार है। इन्डियन कौन्सिल आफ मेडिकल रिसर्च के सहयोग से एक अध्ययन किया गया है। इस मेडिकल जर्नल के अध्ययन के मुताबिक 2050 तक भारत सहित दुनियां के मध्यम आप वाले देशो में ब्रेन स्ट्रोक से 10 मिलियन लोग मर सकते है। भारत में पहले से ही एक करोड़ मामले थे अब उसमें 1.29 मिलियन नये मामले और आ गये है। इसके अनुसार अपने देश में हर मिनट में तीन लोगो को ब्रेन स्ट्रोक पड़ता है। मेडिकल विभाग के लिये भारी चुनौती है।