नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को भारी हंगामे के बीच भापजा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भारत में समान नागरिक संहिता विधेयक, 2020 पेश किया। जिसका विपक्षी सदस्यों ने जमकर विरोध किया। बिल को पेश करने के बाद मतदान हुआ, जिसके पक्ष में 63 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 23 वोट डाले गए। देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने के वादे को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से भाजपा यह प्रस्ताव रखा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड
बता दें कि देश में इस मुद्दे पर काफी लंबे समय से सियासी घमासान जारी है। इस बिल में मांग की गई है कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए एक राष्ट्रीय निरीक्षण और जांच आयोग बनाया जाए। अब राज्यसभा में भी शीतकालीन सत्र के दौरान यूसीसी पर प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया गया है।
समान नागरिक संहिता भारत में नागरिकों के व्यक्तिगत कानूनों को बनाने और लागू करने का एक प्रस्ताव है, जो सभी नागरिकों पर उनके धर्म, लिंग और यौन अभिविन्यास की परवाह किए बिना समान रूप से लागू होता है।
वर्तमान में, विभिन्न समुदायों के व्यक्तिगत कानून उनके धार्मिक शास्त्रों द्वारा शासित होते हैं। यह कोड संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत आता है, जो बताता है कि भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा। विशेष रूप से, भाजपा के 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में, पार्टी ने सत्ता में आने पर यूसीसी के कार्यान्वयन का इसका वादा किया था।
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू हुआ है और इसमें 17 कार्य दिवस होंगे। सरकार ने अधिसूचित कार्यक्रम के अनुसार सत्र के दौरान कुल 16 नए विधेयक पेश करने की योजना बनाई गई है।
राज्यसभा में भाजपा सांसद ने पेश किया यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल, विपक्ष ने किया भारी विरोध
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