कराची। पाकिस्तान में चुनाव मजाक बनकर रह गए हैं। पहलें हुए हिंसक चुनावों के बाद नतीजों में गड़बड़ी की बातें सामने आई। अब नतीजे स्पष्ट होने के बाद भी वहां कोई सरकार बनती नहीं दिख रही है, जिससे फिर चुनाव होने की बात होने लगी है। हालांकि, पहले नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन और बिलावल की पार्टी पीपीपी में गठबंधन सरकार बनने की चर्चा थी, लेकिन अब वो बात भी नहीं बन पाई है।
दरअसल, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने खुलासा किया है कि उन्होंने गठबंधन सरकार के फॉर्मूले को नहीं स्वीकारा है। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री का पद ऑफर हुआ था, लेकिन उन्होंने इस लेने से मना कर दिया। बिलावल ने कहा कि वो जनता के जनादेश के बिना शीर्ष पद नहीं लेना चाहते।
35 वर्षीय पूर्व विदेश मंत्री बिलावल पीपीपी का प्रधानमंत्री पद का चेहरा थे। हालांकि, 8 फरवरी के चुनावों में उनकी पार्टी नेशनल असेंबली में 54 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही। जेल में बंद इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को सबसे ज्यादा सीटें मिली और नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग दूसरे स्थान पर रही।
पीपीपी और पीएमएल-एन ने चुनाव के बाद गठबंधन तो बनाया लेकिन वो कई बैठकों के बावजूद सत्ता-साझाकरण फॉर्मूले पर आम सहमति तक पहुंचने में विफल रहे हैं।
सिंध प्रांत में पीपीपी की चुनावी जीत का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए बिलावल ने कहा,