भ्रष्टाचार पर योगी सरकार का एक और कड़ा कदम
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में तबादलों को लेकर लगातार सामने आ रही अनियमितताओं के बीच एक और बड़ा एक्शन लिया गया है। इस बार आयुष विभाग के निदेशक होम्योपैथी प्रो. अरविंद कुमार वर्मा को निलंबित कर दिया गया है। उन पर ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामलों में गंभीर अनियमितताओं का आरोप था।
आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ को इन अनियमितताओं की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने सभी तबादले तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए थे। बाद में मामले की जांच करवाई गई, जिसमें और भी गड़बड़ियों का खुलासा हुआ।
बताया जा रहा है कि मंत्री डॉ. दयालु ने इस पूरे विषय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से व्यक्तिगत मुलाकात कर रिपोर्ट साझा की थी। मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के प्रति सख्त जीरो टॉलरेंस नीति के चलते प्रो. वर्मा को अपने पद से हाथ धोना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, निलंबन से बचने के लिए प्रो. वर्मा ने कई प्रयास किए, लेकिन सरकार के कड़े रुख के आगे उनका बचाव काम नहीं आया।
गौरतलब है कि इससे पहले स्टांप एवं निबंधन विभाग में भी 202 उप निबंधक और लिपिकों के ट्रांसफर में गड़बड़ी को लेकर आईएएस अधिकारी समीर वर्मा को महानिरीक्षक पद से हटाकर प्रतीक्षा सूची में डाला गया था। उन्होंने फिलहाल सरकार से अध्ययन अवकाश मांगा है।
योगी सरकार का यह सिलसिला साफ दर्शाता है कि अब ट्रांसफर-पोस्टिंग जैसे मामलों में भ्रष्टाचार या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।