कभी नही से देर भली

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एस एन वर्मा

इसी कहावत की तहत हम नये साल की भावभीनी भावनायें आप सबको पेश कर रहे है। ठन्ढ ने सारे समीकरण गड़बड़ा दिये। पर ठन्ढ की वजह से भावनाये ठन्ढी नही पड़ी है। हमेशा की तरह गरमजोशी से हमारी भावनाये सम्प्रेषित है। नये साल की मुबारकवाद तो पूरे जनवरी चलती है। शुभकामनाओं का सदाबहार महीना यह रहता है। हमारे भावनाये की गर्मी आप तक पहुंचे यह हम सबकी मनोकामना है।
प्रिय पाठकों और विज्ञापनदाताओं विगत कारोना काल में जब हम पर महान विपदा आई उस समय जिस सहृदयत से और छढ़ता से हमारे साथ खड़े हुये उसी के बदौलत हम इतनी बड़ी विपदा झेल आये। हम आपके इस कार्य के धन्यवाद और आभार प्रदर्शन करके आपके महान कार्य को छोटा नहीं करेगे। हमें छढ़ विश्वास है आपका सहयोग और सहानभूति आगे भी इसी गहराई मंहगाई से मिलता रहेगा। नये साल के लिये आपको और आपके परिवार को बधाई, आप सभी के लिये जीवन काल मंगलमय हो और अवधनामा के लिये जीवन काल मंगलमय हो और अवधनामा को और ऊंचाईयां दे। सफलता आपके कदम चूमें।
अब जाने और आने वाले साल पर एक विहंगम दृष्टि डाल ले। जिससे पीछे के अनुभवो से आगे की राह निकाले, मुश्किल को आसान बनाये। कोरोना के संकट से तो हम उबर गये। पर कोरोना अपने विभिन्न रूप में जारी है जो सन्तोष की बात है कि उतना खतरनाक नही है। उम्मीद है आगे चलता हुआ सर्दी, जुकाम, फ्लू में बदल जायेगा। पर सबसे बड़ी त्रासदी जो दुनियां पर लाद दी गयी है वह है रूस यूक्रेन युद्ध। पूरी दुनियां इसके असर से परेशान है। मंहगाई और आर्थिक मन्दी से लोग जूझ रहे है। ऐसे में रूस की परमाणु हथियार की छमकी भविष्य के लिये गहरी चिन्ता का विषय है। हाल में दोनों रूस और युक्रेन ने शान्ति की बात कही पर युद्ध उसी तरह जारी है। शान्ति का कोई फार्मूला तो बने पश्चिमी देश खामोश बैठे सिर्फ प्रतिबन्ध लगा रहे है, हथियारों की मदद कर रहे है। हथियार के निर्माता पैसा बना रहे है। विश्व विरादरी को गम्भीरता से एक साथ हो कर हल निकाले वरना यह सदी उन्हें माफ नही करेगी। नये साल मे युद्ध निश्चित रूप से खत्म होना ही चाहिये। इस सम्बन्ध में भारत के पहल की तारीफ करनी होगी जो बीच बीच में रूस और युक्रेन से परमाणु हथियार रोकने और युद्ध बन्द करने के लिये बात करता रहता है। और देशो को भी इस दिशा में गम्भीरता से बढ़ना चाहिये। युद्ध से रूस चीन करीब होते जा रहे है और चीन द्वारा ताइवान पर युद्ध रोपे जाने का आशंका बन रही है। चीन भारतीय सीमा पर उत्पात मचाये हुुये। बातचीत भी हो रही है पर ठोस नतीजे नही बन पा रहे है। इसका हल इस साल निकालना ही चाहिये। आपसी विश्वास बने बिना यह सम्भव नही है। इस साल का यह अहम कदम होना चाहिये और इसी साल उपलब्धि भी आनी चाहिये। चीन अपने आन्तरिक हालात से परेशान है, कोरोना की मार, देशो के सीमा पर गलत गतिविधियां, शी जिनपिंग को भटकाये हुये है। नये साल उन्हें सदबुद्धी दे।
इस साल ब्रिटेन को पछाड़ते हुये भारत दुनियां की चौथे नम्बर की अर्थव्यवस्था पर पहुंच गया है। इस साल में भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिली है। भारत का विश्व पटल बढ़ते रूतबे की गवाही है। इसी साल कुछ विधानसभा चुनाव होगे कुछ स्थानीय निकाओं के चुनाव होगे। जो आसन्न आम चुनाव के कुछ संकेत देगे। विपक्ष अभी आपसी एकता की तलाश में है। कांग्रेस में अध्यक्ष का चेहरा बदल गया है पर हालात वही है। राहुल इधर काफी मुखर हो गये है। दाढी बढ़ा ली है। भारत यात्रा चला रहे है। सबका नतीजा आगे ही देखने को मिलेगा अभी तो कुछ लोग तमाशा की तरह आ जा रहे है।
समय तो अपनी गति से चलता है। हम अपनी सीमाओं की वजह बार से होता है। वह न बुरे से प्रभावित होता है न अच्छे से इसी तरह प्रकृति ने भी अन्तरिक्ष बार घन्टा मिनट में बार रक्खा है सुबह, शाम, गर्मी, सर्दी, आधी, तूफान, बारशि, ये सब अपनी गति से चलते रहते है चाहे नया साल आये चाहे पुराना साल जाये। दुनिया को खुशहाल बनाने की जिम्मेदारी हमें अपने कन्धों पर लेनी होगी। मानव का गुण है रोता भी है हंसता भी है। कामना है नये साल में सारी दुनियां की कोशिशें रंग लाये और दुनियां को स्वर्ग बनाये। आगे के वंशजों के लिये खुशनुमा दुनियां छोडे।
पाठकों, और विज्ञापनदाताओं अवधनामा की ओर से नये साल के अवसर पर मुबारक वाद पूरा साल आप सभी को खुशियां से भर दें। आपकी खुशी हमारी खुशी है।

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