ओएनडीसी का बीटा संस्करण मेरठ में लाइव हुआ

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अब उपभोक्ता और विक्रेता नई ई-कॉमर्स क्रांति में शामिल हो सकते हैं

मेरठ: ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) मेरठ शहर में उपभोक्ताओं और विक्रेताओं के लिए अपना नेटवर्क खोला। ओएनडीसी, भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्याकपार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की एक पहल है, जिसका उद्देश्य डिजिटल कॉमर्स में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए एक सुविधाजनक मॉडल का निर्माण करना है।मेरठ में लॉन्च का आयोजन मेरठ स्थित होटल हार्मनी इन, मेन गढ़ रोड में हुआ । डीपीआईआईटी के अतिरिक्त सचिव (एडिशनल सेक्रेटरी) अनिल अग्रवाल आई.ए.एस. और उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) अरविंद कुमार यूपी सरकार और मेरठ प्रशासन के अधिकारी, स्थानीय उद्योग संगठन और उनके सदस्य शामिल थे। इस कार्यक्रम की मेजबानी और आयोजन ओएनडीसी द्वारा किया गया । ओएनडीसी का मकसद नेटवर्क पर मेरठ और लखनऊ के सभी एमएसएमई, स्टार्टअप, स्थानीय विक्रेताओं, रिटेलर्स और रेस्तरां को शामिल करना है।
वर्तमान में, मेरठ के लिए बीटा लॉन्च में कुल 4 लाइव खरीदार एप्लिकेशन हैं जो उपभोक्ताओं को ओएनडीसी (आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, मायस्टोर, पेटीएम और स्पाइस मनी) पर लेनदेन करने की अनुमति देंगे।ओएनडीसी के एमडी और सीईओ टी कोशी ने कहा, “बेंगलुरू में शुरुआत के बाद ओएनडीसी को अपनाने वाले विक्रेताओं की मौजूदा संख्या को देखते हुए, हम ओएनडीसी बीटा को मेरठ तक ले जाने के लिए उत्साहित हैं। हमें उम्मीद है कि आज बीटा लॉन्च के साथ, ज्या दा से ज्या दा विक्रेता और स्थानीय व्यवसाय मेरठ में ओएनडीसी से जुड़ेंगे, और वोकल4लोकल के दृष्टिकोण को यूपी और पूरे भारत में हकीकत में बदलने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।’’

ओएनडीसी कई नई पहलें कर रहा है, जिनमें इंसेंटिव प्रोग्राम सबसे पहले 15 दिसंबर 2022 से शुरू होने वाला है। इस एक बार के इंसेंटिव प्रोग्राम के माध्यम से, भारत भर में एफएंडबी में 700 से अधिक व्यापारियों और किराने के 20,000 से अधिक व्यापारियों के हमारे वर्तमान नेटवर्क का विस्तार करना है।ओएनडीसी कोई एप्लिकेशन, प्लेटफॉर्म, मध्यस्थ या सॉफ्वेटयर नहीं है, बल्कि विशिष्टताओं से युक्त एक समूह है, जिसे खुले, मुक्त और इंटरऑपरेबल ओपन नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है। इससे एक प्लेटफॉर्म पर निर्भरता समाप्त हो जाती है। इसका उद्देश्य पूरे भारत में हर दायरे और आकार के विक्रेताओं के लिए ई-कॉमर्स को सक्षम करना है। इसके लिए, नेटवर्क को सक्षम करने वाले नेटवर्क प्रतिभागियों द्वारा एक साथ जुड़े हुए व्यापक लागत पर ई-कॉमर्स के लिए आवश्यक परिचालन क्षमताओं को उपलब्ध कराया जाएगा।ओएनडीसी में छोटे पैमाने के विक्रेता, स्टार्ट-अप और क्षेत्रीय खिलाड़ी समेत कोई भी शामिल हो सकता है। यह अपेक्षाकृत कम और सीमित पहुंच वाले स्थानीय विक्रेताओं को देश में अन्य बड़े पैमाने के विक्रेताओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के समान अवसर के साथ सभी ओएनडीसी खरीदार एप्लिकेशंस में नजर आने के लिए सशक्त बनाता है।ओएनडीसी ने 29 अप्रैल, 2022 को अपने नेटवर्क के 5 शहरों में विक्रेताओं और खरीदारों के एक बंद समूह के साथ लाइव लेनदेन का परीक्षण करने के लिए अपने अल्फा वर्जन को लॉन्च किया था और पूरे भारत के 85 शहरों में अपनी उपस्थिति दर्ज की थी। बीटा परीक्षण चरण के तहत, 30 सितंबर 2022 को 5 खरीदार ऐप्लिकेशन (पेटीएम, आईडीएफसी, माय स्टोर, स्पाइस मनी, क्राफ्ट्सविला), 12 विक्रेता एप्लिकेशन (गो फ्रुगल, ग्रोथ, फाल्कन, ई समुदाय, डिजिट, यूशॉप, सेलरएप, बिजॉम, यूएंगेज, इनॉबिट्स, ईवाइटल आरएक्स, माय स्टोर, एनस्टोर) और दो लॉजिस्टिक्स प्रदाता (लोडशेयर, डुंजो) के साथ किराने और एफएंडबी श्रेणियों में बेंगलुरु में सार्वजनिक यूजर्स के लिए नेटवर्क लाइव हो चुका है।सितंबर से, कई अन्य खरीदार, विक्रेता और लॉजिस्टिक्स एप्लिकेशन (आईटीसी, एक सेकेंड टेक्नोलॉजीज, मीशो, यूएंगेज, ग्रैब, डिल्ही वरी, शिप रॉकेट) समेत कुल 26 लाइव हो चुके हैं और 70 से अधिक भागीदार एकीकरण के उन्नत चरणों में हैं। इसके अतिरिक्त, 4 सामाजिक क्षेत्र के उद्यम (तामुल, क्रेयो, श्वेत और अनुभूति) ओएनडीसी पर सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) के सहयोग से लाइव हुए हैं।बेंगलुरु में बीटा परीक्षण के शुरुआती सबक के बाद, ओएनडीसी अब मेरठ में नेटवर्क को लाइव बनाने के लिए आगे बढ़ रहा है, जो नेटवर्क विस्तार के लिए लक्षित पहला टियर-2 शहर है। शहर को रणनीतिक रूप से बीटा परीक्षण के लिए चुना गया है क्योंकि यहां विक्रेताओं की मजबूत संख्या है और संभावनाएं बेहद अधिक है। मेरठ में ओएनडीसी के लॉन्च से टियर-2 शहरों में नेटवर्क के अनुकूलन को समझने और नेटवर्क पर क्षेत्रीय विक्रेताओं के समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण समझ और जानकारी मिलेगी।
नेटवर्क पर सेटलमेंट यानी निपटान की दक्षता को और बढ़ाने के लिए, ओएनडीसी ने सुलह और निपटान का समर्थन करने के लिए एक रूपरेखा विकसित की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डिजिटल अनुबंधों और सेवा स्तर के समझौतों में निर्धारित समय सीमा के भीतर सही संस्थाओं को सही तरीके से भुगतान हो सके। इस सिस्टम के जनवरी तक लाइव होने की उम्मीद है, जिसे कोटक बैंक और प्रोटिएन द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण और क्रियान्वयन किया गया है। वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा परिकल्पित और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा संचालित ईकोसिस्टम- भारत बिल पे सिस्टम (बीबीपीएस) विकास के उन्नत चरण में है।

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