पसगवां काण्ड के जेल में बन्द सारे आरोपियों की जमानत खारिज

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Bail of all the accused lodged in the jail of Pasgwan case rejected

अवधनामा संवाददाता

लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri)- प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला देने वाले पसगवां काण्ड के जेल में बन्द सारे आरोपियों की जमानत जिला न्यायधीश लखीमपुर मुकेश कुमार मिश्रा ने खारिज कर दी।पसगवां काण्ड की पीडिता समाजवादी पार्टी की क्षेत्र पंचायत प्रमुख पद की प्रत्याशी श्रीमती रीतू सिंह की तरफ से अधिवक्ता सुरेन्द्र कुमार एड0, हरजीत सिंह एड0, यदुवेन्द्र वर्मा उर्फ पम्मू एड0 एवं धीरेन्द्र कुमार सिंह एड0 लखनऊ हाईकोर्ट ने आरोपियों की जमानत का विरोध करते हुए इस घटना को लोकतांत्रिक मूल्यों एवं संविधान विरोधी कदम बताया। अधिवक्ता गणों ने कहा कि पसगवां में प्रमुखी का पर्चा भरने से रोकना लोकतंत्र को बंधक बनाने के समान है इस घटना ने समाज में दहशत फैलाने का काम किया है। उक्त आरोपी राजनौतिक रूप से बेहद मजबूत और सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। अगर इनको जमानत दी जाती है तो केश की जांच को प्रभावित कर सकते है। दोनो पक्षों की दलीले सुनने के बाद जिला न्यायधीश ने अपना फैसला सुनाते हुए वादिनी के 164 के अन्तर्गत बयानों को तरजीह देते हुए कहा कि लोकतंत्र में चुनाव लडना हर नागरिक का एक अधिकार होता है इस घटना की वादिनी मुकदमा जब पसगवां क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का नामांकन कराने पहुची तो अभियुक्त गण द्वारा इस घटना वादिनी मुकदमा के उपर अपराधिक बल प्रयोग करना उसका पर्स छीनना, उसकी साडी और ब्लाउज फाडना एवं उसके नामांकन पत्र को फाड देना बतलाया गया जिससे वादिनी अपना नामांकन न कर सकी। मामले के समस्त तथ्य एवं परिस्थितियों को देखते हुए जमानत पर मुक्त किए जाने का कोई उचित एवं संतोष जनक आधार नही है इस लिए अभियुक्त गण सुमित कुमार तिवारी, ब्रज कुमार सिंह व यश वर्मा का प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाते है।समाजवादी पार्टी के नेता क्रांन्ति कुमार सिंह ने पसगवां काण्ड के आरोपियों की जमानत खारिज होने पर कहा कि यह न्याय और लोकतंत्र की जीत है हमें न्यायालय पर पूर्ण विश्वास है कि महिला विरोधी एवं लोकतंत्र विरोधी ताक्तों को न्यायालय से सजा अवश्य मिलेगी।

 

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