बाबा साहब के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता : केदारनाथ तिवारी

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अवधनामा संवाददाता

ललितपुर। भारतरत्न डा.भीमराव अंबेडकर के जन्म दिवस के अवसर पर आज जय बुंदेलखंड कॉलेज ऑफ लॉ पनारी में कालेज के निदेशक केदारनाथ तिवारी के आतिथ्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में भारतीय संविधान निर्माण में डा.भीमराव अंबेडकर के योगदान देश में अस्पृश्यता के कलंक को मिटाने के लिए किए गए ऐतिहासिक प्रयास तथा विधि शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अद्वितीय प्रयासों के बारे मैं जानकारी दी गई। वक्ताओं ने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर ने 1924 में बहिष्कृत हितकारिणी सभा का गठन, 1927 में बहिष्कृत भारत नामक पाक्षिक पत्र का संपादन, 1935 में मुंबई ला कॉलेज के प्राचार्य के पद पर कार्य, 1930, 1931, 1932 के गोलमज सम्मेलन में ब्रिटेन में प्रतिभाग, 1936 में स्वतंत्र मजदूर दल के नाम से राजनीतिक दल का गठन जैसे प्रमुख कार्य किये और 1937 में मुंबई विधानसभा के लिए चुनाव में भारी बहुमत से विधायक चुने गए। उन्हें पढ़ाई से इतना अधिक लगाव था कि उन्होंने अपने घर के ऊपरी मंजिल में पुस्तकालय की स्थापना की थी वह कहा करते थे कि खाओ कम और पढ़ो ज्यादा उनके घर के पुस्तकालय में 32 हजार से अधिक पुस्तक में संकलित थी। डा.अंबेडकर स्वतंत्र भारत के प्रथम मंत्रिमंडल में विधि मंत्री बनाए गए संविधान निर्माण के क्षेत्र में बाबा साहब के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता, उन्हीं के विशेष प्रयासों से हमारा संविधान 2 वर्ष 11 माह 18 दिन मैं बनकर तैयार हुआ और 26 जनवरी उन्नीस सौ 50 को लागू हो गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के निदेशक केदारनाथ तिवारी, प्राचार्य डा.दिनेश बाबू, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जनपदीय सचिव हेमंत तिवारी, रूपेश साहू, हरिहर नारायण, नारायण तिवारी, जसवंत सिंह, आशीष जैन, अनंत तिवारी, मोहम्मद आसिफ, मनोज वैद्य, प्रफुल्ल जैन, विनीत तिवारी, ग्राम प्रधान गुगरवारा सीताराम यादव, संजय जैन वाटिका आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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