फाइनल कुश्ती जीतकर बाबा लाड़ी बने राम राम केसरी 2025

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धर्म रक्षा मंच के तत्वाधान में आयोजित राम राम दंगल में पहलवानों ने दिखाई अपनी ताकत 
मौनी अमावस्या के अवसर पर राप्ती नदी तट पर लगने वाले मेले में कार्यक्रम का हुआ आयोजन
नेपाल सहित कई राज्यों के पहलवानों ने कुश्ती में दिखाया दांव का जादू
सिद्धार्थनगर। राप्ती नदी तट स्थित परशुराम वाटिका में मौनी अमावस्या पर लगने वाले मेले में धर्म रक्षा मंच के तत्वाधान में दो दिवसीय राम राम कुश्ती दंगल के दूसरे दिन पहलवानों ने अपनी ताकत की आजमाइश की। बुधवार को आयोजित दंगल के दूसरे दिन नेपाल राष्ट्र सहित कई प्रदेशों से आए पहलवानों ने कुश्ती के दांव-पेंच दिखाए। दंगल में पहलवानों ने दमदार प्रदर्शन करते हुए अपने प्रतिद्वंद्वियों को पटखनी दी। दंगल देखने के लिया हजारों हजार की संख्या में भीड़ जुटी रही। इस वर्ष दंगल में विभिन्न जगहों के 52 से अधिक पहलवानों ने ताल ठोक कर अपना दमखम दिखाया। पहले व दूसरे दिन के दंगल में 1100 रुपये से लेकर 21000 रुपए तक की 52 से अधिक कुश्तियां करवाई गई। जहां विजेता पहलवानों को उपहार देकर सम्मानित किया गया। वही आए हुए अतिथियों को पूर्व विधायक द्वारा मोमेंटो व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। दंगल के दूसरे दिन महामुकाबले का आयोजन हुआ, जिसमें मंगलवार को विजयी हुए पहलवानों के बीच क्वार्टर फाइनल, सेमी फाइनल और फाइनल कुश्ती मुकाबला हुआ, जिसमें फाइनल विजेता बाबा लाड़ी पहलवान को राम राम केसरी 2025 की उपाधि, 21 हजार रुपए का नगद राशि, गदा व मोमेंटो तथा उपविजेता जग्गा पहलवान को 51 सौ रुपए देकर पुरस्कृत किया गया।
फाइनल में अयोध्या के बाबा लाड़ी और राजस्थान के जग्गा पहलवान के बीच काफी रोमांचक कुश्ती हुए जिसमें अयोध्या के बाबा लाड़ी पहलवान विजई हुए और उन्हें राम राम केसरी 2025 की उपाधि दी गई। सेमी फाइनल में नेपाल के लक्की थापा व राजस्थान के जग्गा के बीच जग्गा पहलवान विजई हुए, बाबा लाड़ी व सागर यादव के बीच में में बाबा लाड़ी पहलवान विजई हुए। वही क्वाटर फाइनल में राजस्थान के जग्गा सिंह व उत्तराखंड के पप्पू के बीच जग्गा सिंह विजई हुए, मेरठ के बब्लू व संतकबीरनगर के सर्वेश के बीच की कुश्ती बराबर पर समाप्त होने के कारण कमेटी द्वारा घोषित नियमानुसार दोनों सेमी फाइनल से बाहर हो गए, वही मेरठ के सागर यादव व पंजाब के नरेश पहलवान के बीच सागर यादव पहलवान विजई हुए। वही क्वाटर फाइनल में नेपाल के लक्की थापा व राजस्थान के जग्गा पहलवान के बीच जग्गा पहलवान विजई हुए, अयोध्या के बाबा लाड़ी व बनारस के लाला के बीच बाबा लाड़ी पहलवान विजई हुए। पहलवानों ने कुश्ती के नये-नये दांव पेंच दिखाते हुए अखाड़े में खूब जोर आजमाइश की। पहलवानों के दांव, पेच कुश्ती को देखकर दर्शक काफी रोमांचित हुए। दूसरे दिन की पहली कुश्ती मध्य प्रदेश के चकधारी व कानपुर के मुन्ना पहलवान के बीच मुन्ना पहलवान कानपुर ने मछई गुत्ता दाव मारकर चकधारी को चित कर दिया, नेपाल के लक्की थापा व चंडीगढ़ राजस्थान के सोनू के मध्य लक्की थापा पहलवान विजई हुए, राजस्थान के काला चीता पहलवान व अयोध्या के चूड़ादही वाले बाबा के बीच में चूड़ादही वाले बाबा ने धोबी पछाड़ दाव मारके काला चीता को चित कर दिया, संतकबीर नगर के विशाल पहलवान व गाजीपुर के पवन के बीच का मुकाबला बराबर पर खत्म हुआ। महिला पहलवानों में नवाबगंज गोंडा की शिवांगी व कानपुर की मुस्कान के बीच शिवांगी पहलवान विजई हुई, बनारस की निशा व गोरखपुर की शिवानी के बीच निशा पहलवान विजई हुई, नवाबगंज गोंडा की शिवांगी व बनारस की निशा के बीच में शिवांगी पहलवान विजई हुई, बक्सर बिहार के राजेश व राजस्थान के गोलू के मध्य राजेश पहलवान विजई हुए, मेरठ के सोनू व राजस्थान के लाला सिंह के बीच लाला सिंह पहलवान विजई हुए। वही डुमरियागंज में फायर ब्रिगेड सिपाही सुरेंद्र पहलवान व देवरिया के टीमल पहलवान के बीच की कुश्ती में सुरेंद्र पहलवान ने रामबाण दाव मारकर टीमल पहलवान को चित कर दिया, जम्मू कश्मीर के फौजी उर्फ रिजवान अहमद व राजस्थान के विक्की पहलवान की कुश्ती बराबर पर खत्म हुई, सन्तकबीर नगर के उत्तर प्रदेश केसरी सर्वेश तिवारी व दिल्ली के मोनू के बीच सर्वेश तिवारी विजई हुए, पंजाब के नरेश व मेरठ के बब्लू के बीच नरेश पहलवान विजई हुए। इस दौरान कुश्ती दंगल देखने आई भीड़ ने तालियों की गड़गड़ाहट से पहलवानों का उत्साहवर्धन किया। पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि भारतीय प्राचीन खेलों में से दंगल एक महत्वपूर्ण खेल है। दंगल की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। ग्रामीण क्षेत्र में खेलों को बढ़ावा देने व युवाओं में देश भक्ति की भावना का संचार करने हेतु ऐसे आयोजन होने आवश्यक हैं। कुश्ती करने से युवा शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है, कुश्ती दंगल प्रतियोगिता का आयोजन युवाओं व विद्यार्थियों में खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या के पर्व पर लगने वाले मेले में हमेशा दंगल का आयोजन होता हैं, इस परंपरा को जीवित रखने और युवाओं को मंच देने के लिए मैं हर वर्ष यह राम राम दंगल का कार्यक्रम हर वर्ष निरंतर करवाता रहूंगा। मंच का संचालन अभिषेक त्रिपाठी युवराज ने, दंगल में मुख्य रेफरी मंगला पहलवान गाजीपुर ने व सहायक रेफरी व अखाड़ा संचालन की भूमिका का निर्वहन कालू पहलवान सहारनपुर ने किया। कार्यक्रम में शिवनाथ चौधरी, डा दशरथ चौधरी, ईओ बाढ़नीचाफा आशुतोष सिंह, थानाध्यक्ष त्रिलोकपुर विजय शंकर सिंह, थानाध्यक्ष भवानीगंज रामदेव, चेयरमैन इटवा विकास जायसवाल, चेयरमैन बढ़नी सुनील अग्रहरि, चेयरमैन बिस्कोहर अजय गुप्ता, कारिया अवस्थी, अशोक चौधरी, सुगंध अग्रहरि, मक्कू शाही, वीरेंद्र राव, रमेशधर द्विवेदी आदि ने पहलवानों का हाथ मिलाकर कुश्ती आरंभ करवाया और विजई पहलवानों को पुरस्कार प्रदान कर प्रोत्साहित किया। इस दौरान कार्यक्रम के संयोजक तिलक साहू, लवकुश ओझा, चन्द्र प्रकाश चौधरी, धर्मराज वर्मा, शैलेश सिंह, शत्रुहन सोनी, हरीश पाण्डेय, मधुसूदन अग्रहरि, प्रेम नारायण दुबे, अजय अग्रहरि, नबाब राईनी, मंटू पाण्डेय, महंत मिश्रा आदि सहित भारी संख्या में दर्शक मौजूद रहें।
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