कानपुर।(Kanpur) सदर तहसील के लेखपालों ने एक और बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। उन्होंने फर्जी पते पर करीब तीन सौ आय प्रमाण पत्र बना दिए। इन्हीं आय प्रमाण पत्रों के सहारे शादी अनुदान लेने की साजिश रची गई। इस बात का राजफाश तब हुआ जब डीएम के आदेश पर एसडीएम ने पांच सौ से अधिक आवेदन पत्रों की जांच कराई तो पता चला कि कि 362 आवेदनकर्ता अपात्र हैं। इनमें से करीब तीन सौ उस पते पर ही नहीं रहते, जिससे उन्होंने आय प्रमाण पत्र बनवाया। अब इन प्रमाण पत्रों को निरस्त करने को लेकर अफसर भी असमंजस में हैं।
गरीब बेटियों की शादी के लिए सरकार 20 हजार रुपये देती है। अनुदान के लिए पात्रता निर्धारित है। बिना आय प्रमाण पत्र संलग्न किसी का आवेदन स्वीकार नहीं किया जाता है। पिछले दिनों जब दैनिक जागरण ने शादी अनुदान में फर्जीवाड़े का मुद्दा उठाया तो साढ़े पांच सौ आवेदनों की दोबारा जांच की गई, जिसमें 362 आवेदन अपात्र मिले। इसमें तीन सौ इसलिए अपात्र माने गए क्योंकि उस पते पर आवेदनकर्ता नहीं मिले। अब सवाल यह है कि जब वे इस पते पर रहते ही नहीं थे तो उनके आय प्रमाण पत्र कैसे बने।
इस तरह बनता प्रमाण पत्र : ऑनलाइन आवेदन किया जाता है। इसके बाद लेखपाल व कानूनगो ऑनलाइन रिपोर्ट लगाते हैं। वहां से आवेदन तहसीलदार के पास जाता है और तहसीलदार ही उसे जारी करते हैं।
सी-43 सुक्खापुरवा न्यू बस्ती ख्योरा नवाबगंज निवासी निशा चौधरी ने 20 वर्षीय बेटी निशा चौधरी की शादी के लिए अनुदान के लिए आवेदन किया था। इस आवेदन के साथ इसी पते का आय प्रमाण पत्र भी लगाया गया था। लेखपाल ने इस आवेदन को पात्र माना था, लेकिन दोबारा जांच में वह पते पर नहीं मिलीं।
13 राजनगर कर्रही बर्रा के राम सागर के नाम आय प्रमाण पत्र बना हुआ है। उन्होंने भी बेटी की शादी के लिए आवेदन किया है। जांच में उनका पता भी गलत मिला। पहले लेखपाल ने इसी पते से आय प्रमाण पत्र बनाया और फिर शादी अनुदान के आवेदन को पात्र माना था। शादी अनुदान का आवेदन रद हो गया है।
162/3 योगेंद्र विहार खांडेपुर नौबस्ता के पते पर रितिक वर्मा के नाम बना आय प्रमाण पत्र भी गलत तरीके से बनाया गया है। इस पते पर रितिक जांच के दौरान नहीं मिले हैं। ऐसे में उनके द्वारा शादी अनुदान के लिए किया गया आवेदन भी रद कर दिया गया है। लेखपाल ने पहले उनके पते को सत्यापित किया था।
27 गज्जूपुरवा जाजमऊ निवासी शांति ने भी बिटिया की शादी के लिए अनुदान लेने को आवेदन किया था। पहले उन्हेंं इसी पते पर निवासरत बताते हुए पात्र बताया गया था, लेकिन अब कहा गया कि वह पते पर नहीं रहतीं। अब शादी अनुदान का आवेदन और प्रमाण पत्र दोनों ही रद किया जाएगा।