शाहगंज कोतवाली इलाके में 13 मई को सरेराह हुए पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या के मामले पुलिस ने शुक्रवार को खुलासा कर दिया। हत्या की वजह जमीन प्लाटिंग को हुए विवाद को लेकर हुई थी। पुलिस कुख्यात शूटर को गिरफ्तार किया है।
मामले का शुक्रवार को खुलासा करते हुए क्षेत्राधिकारी अजीत सिंह चौहान ने बताया कि पत्रकार की हत्या को अंजाम देते वक्त प्रशांत सिंह के सहयोगी और उसकी बाइक चला रहे नीतीश कुमार राय को गुरुवार देररात आजमगढ़ रोड स्थित मलमला पुलिया से गिरफ्तार किया है। वो आजमगढ़ जिले के जीयनपुर थाना क्षेत्र स्थित बछउर खुर्द गांव का निवासी हैं। उसके पास से फर्जी नम्बर की मोटरसाइकिल बरामद हुई।
गिरफ्तार युवक नीतीश राय ने स्वीकारा कि वह नशा आदी है। जरायम की दुनिया में अपना नाम कमाने के लिए वो प्रशान्त सिंह के साथ मिलकर अपराध करने लगा। नीतीश ने आशुतोष की हत्या में अपने और प्रशांत सिंह के शामिल होने की बात कबूल की। प्रशान्त सिंह के एनकाउंटर की खबर सुनकर वो उनके घर मुलाकात करने जा रहा था, लेकिन रास्ते में पुलिस ने पकड़ लिया।
नीतीश ने बताया कि उसे प्रशान्त सिंह से मालूम हुआ था कि आशुतोष की सुपारी जमीन प्लाटिंग को लेकर सिकन्दर आलम ने दी है। 10 लाख की सुपारी में 50 हजार रुपये एडवांस मिला था और बाकी पैसे बकाये थे। जेल में बंद सिकंदर के दोस्त मो. हाशिम के जरिए प्रशान्त सिंह से बात तय हुई थी। प्रशान्त ने उसे पीने खाने के लिए 5 हजार रुपये भी दिए थे।
उसने बताया कि घटना के वक्त वह बाइक चला रहा था। हम लोग चोरी की मोटरसाइकिल का चेचिस नंबर घिसकर अन्य मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट लगाकर घटना को अंजाम देते थे, अगर लगता था कि अब पकड़े जाएंगे तो मोटरसाइकिल बेच देते थे। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, सुपारी किलर सिकंदर आलम के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती के 39 मामले दर्ज हैं, जो एक लाख रुपये का इनामी था।