उत्तर प्रदेश पशुपालन निदेशालय के मुख्य द्वार पर सैकड़ों की संख्या में जुटे पशु मित्र, मैत्री ने दो प्रमुख मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे पशु मित्रों और उनसे जुड़े संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि उनके समकक्ष शिक्षा मित्र एवं पंचायत मित्र को जिस प्रकार शासन ने नियमित मानदेय की व्यवस्था करायी है। उसी तरह पशु मित्र व मैत्री को नियमित मानदेय दिया जाये।
प्रदर्शनकारी पशु मित्रों ने अपनी मांगों के बारे में कहा कि पूरे प्रदेश में हमारी संख्या 58 सौ है। प्रत्येक गौशाला में पशुओं की संख्या के अनुसार हमारी नियुक्ति की जाये। जिससे गौशाला में कृत्रिम गर्भाधान व टीकाकरण सुदृढ़ तरीके से होता रहे। प्रदेश स्तर पर 65 सौ गौशालाएं हैं। जहां केयरटेकर रखे गये और उन्हें नियमित मानदेय भी दिया जाता है। उनकी मांग है कि उन्हें पशु मित्र से प्रोन्नत कर केयरटेकर बनाया जायें। जिससे वे भी नियमित मानदेय की श्रेणी में आ सके।
इस दौरान पशु मित्रों ने पशुपालन निदेशालय में निदेशक से मिलने और मांग पत्र देने का प्रयास किया। तभी निदेशक कार्यालय के बाहर सभी पशु मित्रों को रोक दिया गया। बाद में निदेशक की ओर से वार्ता के लिए चार ही लोगों को आमंत्रित किया गया। पशु मित्रों ने अपने मांग पत्र को पशुपालन निदेशक को सौंपा। निदेशक के रवैये से पशु मित्रों व मैत्रियों में खासा आक्रोश व्याप्त रहा।