लीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के वरिष्ठ शिक्षक तथा पूर्व रजिस्ट्रार एवं पूर्व परीक्षा कन्ट्रोलर प्रोफेसर जावेद अख्तर ने मैकएफी स्कूल आफ थ्योलोजी, मर्सर यूनिवर्सिटी, जार्जिया के एमए (थ्योलोजी) के छात्रों के साथ आनलाइन संवाद कर कुरान अध्ययन से संबन्धित विभिन्न विषयों पर उनके प्रश्नों के उत्तर दिये।
इस आनलाइन सत्र में कुरान में टाइपिंग की त्रुटियों से कैसे बचें, कुरान को बिना देखे कैसे पढ़ें, मुसलमान कुरान को कैसे समझते हैं, कुरान में किन ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख है तथा हजरत मूसा के उल्लेख आदि जैसे अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई और प्रोफेसर अखतर ने छात्रों के सवालों के जवाब दिए।
प्रोफेसर राबर्ट नैश के अनुरोध पर प्रोफेसर जावेद अख्तर ने कुरान के कुछ श्लोकों का पाठ किया और उनका अनुवाद प्रस्तुत किया। ज्ञात हो कि प्रोफेसर राबर्ट नैश ने दो वर्ष पूर्व एएमयू के फैकल्टी ऑफ थ्योलाजी का दौरा किया था और प्रोफेसर अखतर से भेंट कर तरावीह की नमाज़ में बिना देखे कुरान का पाठ करते हुए देखने की इच्छा व्यक्त की थी। प्रोफेसर अखतर जो स्वयं एक हाफिज़ हैं, ने प्रोफेसर नैश को मस्जिद आने का निमंत्रण दिया तथा उन्हें संपूर्ण कुरान को कंठस्थ करने की बारीकियों से अवगत कराया।
इस बीच अटलांटा स्थित अमुवि के वरिष्ठ पूर्व छात्र श्री हसन कमल ने भी सत्र में भाग लिया।