अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू मेडीकल कालिज के इंटरडिसीप्लीनरी ब्रेन रिसर्च सेंटर द्वारा विश्व अल्जेमर दिवस के अवसर पर आनलाईन पैनल चर्चा का आयोजन किया गया जिसमें सामान्य कार्यो के साथ कठिनाई, रवैय्ये में बदलाव, उदासीनता और समझ में कठिनाई जैसे लक्षणों पर चर्चा की गई।
अतिथि वक्ता हरियाणा के मानेसर स्थित नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर के प्रोफेसर शिव कुमार शर्मा ने रोग के आनुवांशिक और पर्यावरणीय कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व में औसतन हर तीन सेंकड में एक व्यक्ति में अल्जेमर रोग के लक्षण विकसित होते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2050 तक लगभग 131 मिलियन लोग इस रोग से ग्रस्त हो सकते हैं।
विशेष वक्ता डा0 मेहदी हयात शाही ने कहा कि अल्जेमर रोग से स्मरण शक्ति को नुकसान, सोचने की क्षमता में कमी तथा व्यक्ति की भावनात्मकता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि यह बीमारी निम्न और मध्यम आय वाले देशों में बढ़ रही है।
जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कालिज के प्राचार्य प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी ने दस प्रका की और अधिक कार्यशालाओं के आयेाजन की आवश्यकता पर बल दिया।
आईएएन अलीगढ़ चेयर के अध्यक्ष प्रोफेसर राकेश भार्गव ने अल्जेमर रोग पर गहन शोध की आवश्यकता जताई। स्वागत भाषण आईबीआरसी के समन्वयक एवं कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर आसिफ अली ने दिया। पैनल चर्चा में शिक्षक और छात्र भी शामिल हुए।