अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है अमेरिका और भारत

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वाशिंगटन। अमेरिका ने अफगानिस्तान में आए भीषण भूकंप पर दुख व्यक्त किया है। व्हाइट हाउस द्वारा बुधवार (स्थानीय समयानुसार) को जारी एक बयान में कहा गया कि अमेरिका, अफगान लोग की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि अफगानिस्तान में कम से कम 1,000 लोगों की जान लेने वाले विनाशकारी भूकंप को देखकर अमेरिका बहुत दुखी है। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन पूरे घटनाक्रम की निगरानी कर रहे हैं।

बयान के मुताबिक, अफगानिस्तान में मानवीय सहायता का सबसे बड़ा दाता होने पर अमेरिका को गर्व है। हमारे सहयोगी पहले से ही अफगानिस्तान में चिकित्सा देखभाल और दूसरे कार्य कर रहे हैं। बयान के अनुसार अमेरिका इस भयानक त्रासदी के समय अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है। बता दें कि अफगानिस्तान के दक्षिणपूर्वी हिस्से में खोस्त शहर के पास बुधवार तड़के एक भीषण भूकंप आया। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र खोस्त प्रांत के स्पेरा जिले और पक्तिका प्रांत के बरमाला, जिरुक, नाका और गयान जिला है।

भारत ने की मदद की पेशकश

बता दें कि अफगानिस्तान में आए प्राकृतिक आपदा पर भारत और पाकिस्तान ने भी दुख जाताया है। भारत ने मदद की पेशकश भी की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘भूकंप के कारण प्रभावित लोगों , पीड़ितों व उनके परिजनों के प्रति भारत संवेदना प्रकट करता है। हम अफगानिस्तान की जनता के दुख के साझेदार हैं। जरूरत के इस समय पर हम उनकी साहयता के लिए तैयार हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को दुख जताते हु्ए कहा कि भारत जल्द से जल्द हर संभव आपदा राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।

संयुक्त राष्ट्र ने भी जताई चिंता

वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी अफगानिस्तान में आए विनाशकारी भूकंप के कारण हुई दर्दनाक मौतों पर दुख जताया है। उन्होंने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संकट से जूझ रहे परिवारों की मदद के लिए एकजुटता दिखाने का आह्वान किया है।

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