अवधनामा संवाददाता
सूरतगंज बाराबंकी। कस्बा सूरतगंज के बेल चौराहे स्थित मैदान में बुधवार रात ऑल इंडिया मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की सदारत मास्टर सगीर अहमद नजमी ने की और निज़ामत नदीम फर्रुख ने किया। मुशायरे में देश के नामचीन कवियों व शायरों ने देर रात तक अपनी शायरी व कविताओं से समा बांधा और खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व ब्लॉक प्रमुख बृजपाल सिंह ज्ञानू ने फीता काटकर उद्घाटन किया। विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व सांसद डॉ पीएल पुनिया,वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तनुज पुनिया, सपा नेता भूपेंद्र सिंह बब्लू,पूर्व विधायका राजलक्ष्मी वर्मा शामिल हुई। मुशायरा का आगाज़ वसीम रामपुरी की नात ए पाक से हुआ। शायर नदीम फर्रुख ने पढ़ा ‘बस ग़ज़ल कहना ग़ज़ल पढ़ना ग़ज़ल से बातचीत, ‘एक मुद्दत से यही मसरूफियत है शाम की!शहजादा कलीम ने पढ़ा,’ देश में हिंदू मुस्लिम का जो ज़हर परोसा करते हैं;’ऐसे नेताओं को पहले फांसी पर लटकाया जाए! कवि ओम शर्मा ओम ने पढ़ा ‘ख़ाक में राज को दबा देंगे,’शोर से साज़ को दबा देंगे,’आप सोचेंगे सच को सच बोलें,’लोग आवाज को दबा देंगे!
सज्जाद झंझट ने पढ़ा!’इतना तरसाया है शादी की तमन्ना ने मुझे,’अब तो हर शख्स मुझे अपना ससुर लगता है!
वसीम रामपुरी ने पढ़ा।’मेरे खुदा मेरा भारत महान हो जाए,’जमीन हिंद की एक आसमान हो जाए!शायरा गुले सबा फतेहपुरी ने पढ़ा!’चलो चलकर ज़रा देखें हिमायत कौन करता है,’मेरी ख़ातिर ज़माने से बगावत कौन करता है,’कि तुमने ही बचा रखा है चाहत का भरम वरना,’भला इस दौर में सच्ची मोहब्बत कौन करता है। इनके अलावा काविश रुदौलवी ,विकास बौखल,
सुफियान प्रतापगढ़ी, देवेश बलरामपुरी, रिचा मिश्रा रोली, शहर अंजुम,शिवाली शफीक ने भी अपना कलाम पेश कर श्रोताओं का मन मोह लिया। इस मौके पर कमेटी अध्यक्ष रिजवान अहमद,उपाध्यक्ष जियाउर्रहमान,कन्वीनर अब्दुल हफ़ीज, कोषाध्यक्ष मो.जैद, सिराजुद्दीन,मो.इकबाल, हयात राइन, कल्लू कुरैशी, जुबेर, अब्दुल कय्यूम, रईस,लुक़मान, शमीम,नफीस,हाफिज शादाब,कमाल,अय्यूब,उस्मान,
इस्लाम,शाहे आलम,इस्लामुद्दीन,सुफियान सिद्दीकी,फैजान आदि लोग मौजूद रहे।06