जिले के विवेचना से जुड़े विभिन्न स्तरों के पुलिस अधिकारियों का भी किया जाएगा क्षमता संवर्धन
13, 14 और 18 अगस्त को दिया जाएगा प्रशिक्षण
गोरखपुर। जिले के चिकित्सा अधिकारियों को पोस्टमार्टम विधा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर और भी दक्षता प्रदान करेगा। साथ ही विवेचना से जुड़े विभिन्न स्तरों के पुलिस अधिकारियों का भी क्षमता संवर्धन किया जाएगा। इसके लिए इसी माह 13, 14 और 18 अगस्त को प्रशिक्षण सत्र आयोजित होंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि इस संबंध में एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ विभा दत्ता की अनुमति मिल गई है। उनके दिशा-निर्देशन में एम्स गोरखपुर का फारेंसिक साइंस डिपार्टमेंट चिकित्सा अधिकारियों और विवेचना से जुड़े विभिन्न स्तरों के पुलिस अधिकारियों का क्षमता संवर्धन करेगा।
सीएमओ डॉ झा ने बताया कि लम्बे समय से महसूस किया जा रहा है कि चिकित्सा अधिकारियों और विवेचना से जुड़े विभिन्न स्तरों के पुलिस अधिकारियों को पोस्टमार्टम से जुड़ी नई तकनीकियों और दस्तावेजीकरण से परिचित कराया जाए। इससे पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सटीकता और बढ़ जाएगी तथा न्यायालय में भी केसेज का मजबूत प्रस्तुतिकरण संभव होगा।
इसके लिए जिला मॉनीटरिंग सेल की बैठकों से भी समय-समय पर निर्देश मिलते रहे हैं । एम्स गोरखपुर को पत्र लिख कर इस संबंध में प्रशिक्षण स्तर पर सहयोग मांगा गया था, जिसे कार्यकारी निदेशक की स्वीकृति मिल गई है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए स्वास्थ्य विभाग ने प्रशिक्षण सत्र की तिथियां निर्धारित कर दी हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 13 और 14 अगस्त को अलग-अलग बैच में सबसे पहले चिकित्सा अधिकारियों का क्षमता संवर्धन किया जाएगा। इसके बाद 18 अगस्त को विवेचना से जुड़े विभिन्न स्तरों के पुलिस अधिकारियों का प्रशिक्षण होगा। इसके लिए तैयारियां पूरी की जा रही हैं। इस प्रशिक्षण से जिले में पोस्टमार्टम व्यवस्था को काफी मजबूती मिलेगी।
विभागीय प्रयासों से शुरू हुआ पोस्टमार्टम
एम्स गोरखपुर में हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने जिलाधिकारी और शासन स्तर पर प्रयास कर पोस्टमार्टम व्यवस्था की शुरुआत कराई है। पोस्टमार्टम की व्यवस्था शुरू होने से गोरखपुर पुलिस आवश्यकतानुसार विशेष केसज और स्थानीय स्तर के केसेज पोस्टमार्टम के लिए एम्स गोरखपुर भेज रही है।