श्रवण चौहान (अवधनामा संवाददाता)
वाह रे बाराबंकी की स्वास्थ्य व्यवस्था कर दे रही है कमाल
बाराबंकी (Barabanki) उत्तर प्रदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक टिप्पणी जारी करते हुए साफ-साफ शब्दों में लिखा था कि उत्तर प्रदेश कि ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था रामभरोसे है यह बिल्कुल सही और सटीक टिप्पणी उत्तर प्रदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट की तरफ से की गई थी क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे ही है क्योंकि हकीकत किसी भी समय देखा जा सकता है । जो किसी से भी छुपा नहीं है उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे जनपद बाराबंकी में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरीके से पटरी से उतर गई है। यही वजह है कि आय दिन इलाज ना मिलने से लोगों की मौत हो रही है। आपको बताते चले कि बाराबंकी के सिरौलीगौसपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक बच्ची को इलाज ना मिलने से उसकी मौत हो गई जिसके बाद परिजनों ने रो-रोकर योगी मोदी को जमकर कोसा है जिसकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार संदीप शुक्ला की पुत्री नित्या छत से गिर गई जिसके बाद संदीप शुक्ला इलाज कराने के लिए अपनी पुत्री नित्या को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिरौलीगौसपुर लेकर गए जहां पर डॉक्टर और जिम्मेदार ना मिलने की वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई जिसके बाद परिजनों ने रो-रोकर सिस्टम को जमकर कोसा है गौरतलब है कि योगी मोदी को भी जमकर लथेरा है आपको बताते चलें कि यह तो महज एक बानगी है जनपद बाराबंकी में स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे ही नहीं पटरी से भी उतर गई है क्योंकि जिला हॉस्पिटल में भी कोई भी डॉक्टर हाथ लगाना उचित नहीं समझता है। जैसे ही रोगी हॉस्पिटल पहुंचते हैं वैसे ही तुरंत रेफर का रेफर बन जाता है। और बाहर खड़ी प्रवेट एंबुलेंस प्राइवेट हॉस्पिटल में कमीशन के लिए ले जाकर भर्ती करा देती है। इस संबंध में कई बार कई समाजसेवियों ने शिकायत भी की लेकिन किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई। तो वहीं दूसरी तरफ बात किया जाए तो इसी हॉस्पिटल में तैनात कुछ डॉक्टर प्राइवेट क्लीनिक भी चला रहे हैं। जनपद बाराबंकी में प्राइवेट हॉस्पिटल तो लूट मचा कर रख दिया है अगर कोई इलाज कराने जाता है तो उसका घर जमीन सोने चांदी के आभूषण भी बेचवाने में पीछे नहीं रहते हैं।
सिरौलीगौसपुर में घटित घटना के संबंध में सीएमओ ने जारी किया प्रेस नोट:-
आपको बताते चलें की हकीकत को दबाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीके चौहान भी पीछे नहीं है जहां पर देखने में आया कि स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी से उतरने के बाद भी सुधाराने के बजाय डॉक्टर को बचाते हुए नजर आए। उन्होंने प्रेस नोट में साफ-साफ लिखा कि बच्चा जब हॉस्पिटल पहुंचा था तो वह मृत था । लेकिन परिजनों के अनुसार बच्चा पूरी तरीके से जीवित था लेकिन इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई है। इस संबंध में अगर योगी मोदी स्वास्थ्य मंत्री तथा अधिकारी कर्मचारियों ने संज्ञान नहीं लिया तो आने वाले समय में बाराबंकी जनपद की स्वास्थ्य व्यवस्था को और भी बुरा हाल होगा। आपको बताते चलें कि जब से मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीके चौहान जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्था को संभाला है तबसे और ज्यादा स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ गई है। यहां तक कि गांवो के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी पूरी तरीके से बंद पड़े हुए हैं और बड़ी-बड़ी झाड़ी झंकार लगा हुआ है।
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