प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा
महोबा । वकीलों ने केन्द्र सरकार के प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक के खिलाफ शहर में मार्च निकालकर विरोध प्रर्दशन किया, और अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू किए जाने की मांग की। केन्द्र सरकार के प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 को वापस लिए जाने की भी मांग की साथ ही प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी सदर जितंेद्र कुमार को सौंपा।
जिला अधिवक्ता समिति के अध्यक्ष रामसहायं राजपूत और महामंत्री अजीत सिंह के नेतृत्व में कचहरी परिसर से जुलूस निकाला गया। जुलूस दौरान अधिवक्ता वकील एकता जिंदाबाद प्रस्तावित अधिवक्ता विधेयक वापस लो के नारे लगाते हुए चल रहे थे। जुलूस दौरान अधिवक्ताओं में विशेष उत्साह दिखाई दिया। जुलूस पीपीएन चैराहा, रोडवेज तिराहा, आल्हा चैक से हेाता हुआ तहसील पहुंचा। जहां पर प्रधानमंत्री और कानून मंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी सदर को सौंपा गया। उप जिलाधिकारी ने वकीलों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन को प्रधानमंत्री को पहुंचाए जाने का अश्वासन दिया।
एसडीएम के सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम चाहते है, जबकि सरकार अधिवक्ता संशोधन अधिनियम ला रही है। संशोधन विधेयक लागू हो जाने के बाद वकील एक स्थान से दूसरे स्थान पर वकालत नही कर सकंेगे, और धारा 35 में झूटी शिकायतों पर वकालत का अधिकार छीनने का भी प्रावधान है। ज्ञापन में बताया कि वकीलों को कोई वेतन नही मिलता ऐसे में यह कार्रवाई गलत है। धारा 36 में बिना जांच के वीिलों का लाइसेंस निलंबित करने का प्रावधान है। वकीलों का कहना है कि यह संशोधन अधिवक्ताओं को कमजोर करने का केन्द्र सरकार की कोशिश है। ज्ञापन में बताया कि अनुशासनात्मक कार्रवाई के दर से उनकी स्वतंत्रता ख्त्म की जाप रही है। वकीलों ने विधेयक वापस लिए जाने की मांग की है। जुलूस दौरान पूर्व अधिवक्ता समिति के पुर्व अध्यक्ष इंद्रपाल सिंह यादव, भारत विशाल शुक्ला, पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकीतुर्रहमान खां, ओम प्रकाश द्विवेदी, जितेंद्र कुमार, सिद्धगोपाल यादव, ज्योति शुक्ला, सहित तमाम अधिवक्ता शामिल रहे।
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