अडाणी के शेयर में 35 प्रतिशत गिरावट, फिर 50 प्रतिशत रिकवरी

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3400 का एक शेयर 1531 का हुआ; हिंडनबर्ग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

नई दिल्ली। अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर गुरुवार को संसद से बाजार तक हंगामा मचा रहा। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोंस ने अडाणी एंटरप्राइजेज को सस्टेनबिलिटी इंडेक्स से बाहर कर दिया। इसके बाद कंपनी के शेयर 35त्न तक गिर गए।
हालांकि इसके बाद शेयर में रिकवरी आई और यह केवल 2.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,531 रुपए पर बंद हुए। निचले स्तर से शेयर में 50 प्रतिशत की रिकवरी देखने को मिली। 24 जनवरी की शाम को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत 3400 रुपए के करीब थी। गुरुवार को यह करीब एक हजार रुपए तक नीचे आ गया। फिर रिकवर होकर 1,531 रुपए पर बंद हुआ।
इधर, हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ एडवोकेट एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने निवेशकों का शोषण करने और उन्हें ठगने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। साथ ही उन निवेशकों के लिए मुआवजे की भी मांग की है, जिन्हें शेयर की कीमत गिरने से नुकसान हुआ है।
विपक्ष की मांग- जेपीसी या सुप्रीम कोर्ट पैनल करे जांच
अडाणी ग्रुप में एलआईसी और एसबीआई का पैसा लगाने के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही लगातार दूसरे दिन स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष इसकी जांच जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी या सुप्रीम कोर्ट के पैनल से कराने की मांग कर रहा है। इस वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश का शेयर मार्केट नियमों के मुताबिक चल रहा है। अडाणी के बिजनेस विवाद की वजह से निवेशकों का भरोसा डगमगाने की आशंका नहीं है।
विपक्ष का आरोप- लोगों की मेहनत का पैसा अडाणी को दिया गया
सरकारी बैंक एसबीआई ने अडाणी ग्रुप को 21.38 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया है। वहीं, फाइनेंस और इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी ने पिछले कुछ साल में अडाणी ग्रुप में 30,127 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले एलआईसी का ग्रुप के शेयरों से प्रॉफिट 81,000 करोड़ रुपए था, जो 2 फरवरी को 43,000 करोड़ रुपए रह गया। विपक्षी नेताओं का कहना है कि शेयर बाजार का यह अमृतकाल का सबसे बड़ा महाघोटाला है।
एसीई इक्विटी के पास अवेलेबल डेटा के मुताबिक, 31 दिसंबर 2022 तक एलआईसी के पास अडाणी ग्रुप में करीब 1 प्रतिशत ( 0.975 प्रतिशत) हिस्सेदारी है। बीते 6 ट्रेडिंग सेशन में एलआईसी का अडाणी ग्रुप में इन्वेस्टमेंट लगभग आधा रह गया है। विपक्ष का कहना है कि लोगों की मेहनत का पैसा बर्बाद हो रहा है। लोगों का विश्वास एलआईसी और एसबीआई से उठ जाएगा।
कांग्रेस ने 13 पार्टियों के साथ मीटिंग की, सोमवार को देशभर में प्रदर्शन
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने संसद परिसर में इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों की मीटिंग बुलाई। इसमें कांग्रेस, टीएमसी , आम आदमी पार्टी, सपा, डीएमके, जनता दल और लेफ्ट समेत 13 पार्टियां शामिल हुईं। इसके बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता 6 फरवरी को देशभर के जिलों में स्थित एलआईसी और एसबीआई कार्यालयों के सामने विरोध-प्रदर्शन करेंगे। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा- अडाणी स्टॉक क्रैश से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। विपक्ष के पास कोई और मुद्दा नहीं है।

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