हिंदु-मुस्लिम एकता के प्रतीक बाबा मस्तानशाह रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर दीनी कांफ्रेंस का हुआ आयोजन

0
441

अवधनामा संवाददाता

मुस्लिम समुदाय द्वारा बाबा की मजार पर चादर चढ़ाकर देश की तरक्की और अमनो चौन की मांगी गईं दुआएं

कॉन्फ्रेंस में दीनी उलेमाओं ने लोगों को इस्लाम के रास्ते पर चलकर गरीबों की मदद करने की दी नसीहतें

मड़ावरा-ललितपुर। गुरुवार रात्रि को जनपद की तहसील मड़ावरा में स्थित बाबा मस्तानशाह रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह शरीफ पर मुस्लिम समुदाय द्वारा दीनी कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। दीनी कांफ्रेंस में बाहर से आए उलेमाओं, वक्ताओं द्वारा लोगों को इस्लाम के एक और नेक रास्ते पर चलने के साथ गरीबों, मजलूमों की मदद करने जैसी बात कही गईं। उनके द्वारा मुस्लिम समुदाय के लोगों को पांच वक्त की नमाज पढने की सलाह पर जोर दिया गया।
गुरुवार शाम को मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा जामा मस्जिद मड़ावरा से संदली चादर एहतराम के साथ हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक बाबा मस्तानशाह रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर शानो शौकत के साथ चढ़ाई गई। चादर चढ़ाने के उपरांत धर्मगुरुओं द्वारा फातिहा पढ़ी गई और तबर्रुक (प्रसाद) का वितरण सभी लोगों में किया गया। इस मौके पर मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा देश की तरक्की के साथ अमनो चौन की दुआएं मांगी गईं। चादर चढ़ाने और ईशा की नमाज (रात की अंतिम नमाज) पढ़े जाने के उपरांत रात करीब 10 बजे से दीनी कांफ्रेंस का आयोजन बाबा मस्तानशाह रहमतुल्लाह अलैह के मजार के मैदान पर किया गया। जिसमें बाहर से आए मुस्लिम धर्मावलंबियों और वक्ताओं द्वारा अपनी बात रखी गई।
कारी सनाउर्रहमान बहराइच द्वारा नाते पाक श्मै हूं रजा का दीवानाश् पढकर वहां मौजूद लोगों को अपनी ओर खासा आकर्षित किया। मंच पर मौजूद सभी मौलानाओं द्वारा भी बारी-बारी नात शरीफ का जिक्र किया गया।
बाक्स —
एक सच्चा मुस्लिम किसी का बुरा नहीं कर सकता – मुफ्ती तबरेज आलम कादरी
इस्लामिक वक्ताओं द्वारा अपने बयानों में कहा गया कि जो इस्लाम को सच्चे दिल से मानने वाला मुस्लिम होता है वह कभी किसी के साथ बुरा नहीं कर सकता है साथ ही जो मुस्लिम पांच वक्त का नमाजी होता है वह किसी के साथ बेईमानी और धोखा नहीं कर सकता है। मुस्लिम समुदाय के लोगों को हर समाज के लोगों के साथ ईमानदारी से पेश आना चाहिए और हर धर्म की इज्जत करनी चाहिए। रामपुर बरेली से आए मुफ्ती तबरेज आलम कादरी द्वारा अपने लंबे बयान में दीनी और हिंदू मुस्लिम एकता की बातें कही गईं। उनके द्वारा बच्चों की शिक्षा पर जोर देने के साथ-साथ इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के लिए पांच वक्त की नमाज पढने जैसी बातें कही गईं।
दीनी कांफ्रेंस में दूर दूर से आए मुस्लिम समाज के वक्ताओं द्वारा बहुत अच्छी और नेक बातें लोगों के बीच रखी गईं। कॉन्फ्रेंस के अंत में सभी वक्ताओं और मुस्लिम लोगों द्वारा पैगंबर हजरत मोहम्मद का जिक्र करते हुए सलाम पढ़ी गई। सलामती के उपरांत तबर्रुक (प्रसाद) का वितरण किया गया। इस मौके पर रामपुर बरेली से आए वक्ता मुफ्ती तबरेज आलम कादरी, मेहमान खुसूशी बाबर रजा कादरी शाहगढ़, सनाउर्रहमान बहराइच, नईमुद्दीन रिजवी शाहगढ़, जेरे सरपरस्ती अल्लामा समीउल कादरी खरगापुर, जेरे सदारत हाफिज साकिब रजा साहब मड़ावरा, हाफिज सादिक अली, आलिम मोहम्मद जुनैद, हाफिज रियाजुद्दीन चिश्ती, कारी समीउल कादरी महरौनी, हाफिज आजाद खांन कुम्हेड़ी, हाफिज शब्बीर अली पठा, मौलवी चांद अली साढ़ूमल आदि मुस्लिम वक्ताओं के अलावा सैकड़ों मुस्लिम समुदाय के लोग दीनी कांफ्रेंस में मौजूद रहे।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here