हेयर ट्रांसप्लांट के करिश्में से पाएं बालों के झड़ने की समस्या से निजात

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कानपुर: बालों के झड़ने की समस्या से लगभग हर कोई जूझता है फिर चाहे पुरुषों हो या महिला, दोनों इस समस्या से प्रभावित होते हैं। अक्सर यह समस्या बहुत गंभीर बन जाती है। बालों से व्यक्ति की सुन्दरता तो दिखती है, साथ ही बाल होने से व्यक्ति का आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

बालों का झड़ना कई आनुवंशिक, पर्यावरणीय और सिस्टेमेटिक फैक्टर्स के साथ-साथ लाइफस्टाइल विकल्पों के कारण भी हो सकता है। चिंता की बात यह है कि कई लोगों के बाल जब उनकी उम्र 20 की होती है तभी से ही झड़ना शुरू हो जाते हैं। भारत में बहुत ज्यादा प्रदूषण और ऑटोइम्यून बीमारियाँ आदि कई ऐसे कई फैक्टर हैं जिससे बालों के झड़ने की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।

जो लोग बालों के झड़ने की समस्या से पीड़ित रहते हैं उनके लिए हेयर ट्रांसप्लांट एक ऐसा समाधान होता है जिससे वे अपने पूरे सिर के बालों को फिर से उगा सकते हैं। हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया होती है। इससे मौजूदा बालों को पतले या बिना बाल वाले क्षेत्रों में शिफ्ट किया जाता है। इस प्रक्रिया को अंजाम देने से पहले व्यक्ति के स्कैल्प को साफ़ किया जाता है और फिर मरीज को कोई दर्द न हो, इसके लिए उसे एनेस्थेसिया दिया जाता है।

हेयर ट्रांसप्लांट के लिए दो प्राइमरी तरीके अपनाए जाते हैं। पहला फॉलिक्युलर यूनिट स्ट्रिप सर्जरी (FUSS) और दूसरा फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (FUE)। FUSS में सिर के पीछे से त्वचा की एक पट्टी निकाली जाती है, जिसे बाद में सावधानीपूर्वक अलग-अलग बालों वाले छोटे ग्राफ्ट में बांटा जाता है। FUE में बालों के रोमों को एक-एक करके निकाला जाता है। दोनों तरीकों द्वारा टार्गेटेड क्षेत्रों में ग्राफ्टों को सावधानीपूर्वक लगाना शामिल होता है।

हेयर ट्रांसप्लांट में लगने वाला समय इस बात पर निर्भर करता है कि ट्रांसप्लांट का दायरा कितना है। मरीज बालों को और ज्यादा घना बनाने या झड़ने की समस्या से निजात पाने के लिए अतिरिक्त प्रक्रियाओं का विकल्प भी चुन सकते हैं।

रीजेंसी हॉस्पिटल लिमिटेड कानपुर की डर्मेटोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉ ध्वनि सक्सेना हेयर ट्रांसप्लांट की जानमानी एक्सपर्ट हैं। उन्होंने बताया, “हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद ज्यादातर मरीजों को 6 से 9 महीने में शानदार असर देखने को मिलता है हालांकि पूरा असर नज़र आने के लिए साल भर भी लग सकता है। यह याद रखना जरूरी है कि सर्जरी के शुरुआती हफ्तों से लेकर महीने तक ट्रांसप्लांट हुए बालों का थोड़ा बहुत झड़ना सामान्य बात है। इसके बाद एक ऐसा समय आता है जब बाल पतले दिखाई देने लगते हैं। बालों के झड़ने और पतले होने की समस्या को दूर करने के लिए डॉक्टरों द्वारा दवा भी सुझाई जाती है। चिकित्सा हस्तक्षेप भविष्य में बालों के झड़ने को प्रभावी ढंग से कम कर सकते है, जिससे बाल स्थायी और प्राकृतिक दिखते हैं।”

रीजेंसी हॉस्पिटल लिमिटेड कानपुर के डर्मेटोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉ पवन सिंह ने कहा, “हेयर ट्रांसप्लांट के बाद के हफ्त्तों में यह बहुत जरूरी हो जाता है कि बालों के विकास के लिए बेहतर देखभाल मिले। सर्जरी के बाद देखभाल से हेयर ट्रांसप्लांट के असफल होने के ख़तरे को कम किया जाता है। नए ड्राफ्ट किये गए ग्राफ्ट बहुत नाजुक होते हैं और इन्हें बढ़ने के लिए बहुत ही सावधानीपूर्वक ध्यान देने की जरूरत होती है। दृढ़ प्रतिबद्धता और धैर्य के साथ क्लीनिक द्वारा सुझाए गए पोस्टऑपरेटिव निर्देशों का सख्ती से पालन करने से हेयर ट्रांसप्लांट के सफल होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।”

आत्मविश्वास हासिल करने और खुद को युवा दिखाने की चाहत रखने वाले व्यक्तियों के लिए हेयर ट्रांसप्लांट एक जीवन बदलने वाला समाधान हो सकता है। किस तरह का हेयर ट्रांसप्लांट आपके लिए सही होगा इसलिए आपको किसी योग्य डर्मेटोलॉजिस्ट या हेयर ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट से कंसल्ट करना चाहिए।

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