अवधनामा संवाददाता
400 वर्ष पुराना पाकड़ का पेड़ चौपाल का गवाह
बीकापुर -अयोध्या। विकासखंड क्षेत्र के तहसील क्षेत्र के काजी सराय बाजार में जलालपुर माफी शाहगंज मार्ग के किनारे स्थित सैकड़ो वर्ष पुराना पाकड़ का पेड़ और यहां पूर्व में स्थित रहा कुआं अपने अतीत में पुरानी यादों को समेटे हुए हैं। लेकिन अतिक्रमण के चलते या अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। तमसा के तट पर बसा रियासत काल का काजी सराय कस्बा किसी जमाने में फरियादियों की पनाह गाह हुआ करता था। बताते हैं कि यहां पर स्थित करीब 400 वर्ष पुराना पाकड़ का पेड़ चौपाल का गवाह है। ग्रामीणों की यहां भीड़ लगती थी तथा धूप और उमस से राहत मिलती थी। यहां के निवासी बुजुर्ग गरीबू, रामधारी विश्वकर्मा सभी को आज भी वह दिन याद है जब यहां पर चौपाल लगती थी और बगल में कुएं का ठंडा और मीठा पानी राहगीरों की थकान तथा प्यास मिटता था। लेकिन अब यह गुजरे जमाने की बात हो गई है। काजी सराय बाजार अब अतिक्रमणकारियों की गुलामी का दंश झेल रही है। यहां तक की तमसा नदी का करीब आधा हिस्सा लोगों के अवैध निर्माण के चलते अतिक्रमण की चपेट में आ गया है। और यहां तमसा नदी काफी सकरी हो गई है। तंग गलियों में घनी बस्ती के रूप में तब्दील हो चुकी काजी सराय और उसकी शान सैकड़ो वर्ष पुराना पकड़ का पेड़ अपने अस्तित्व को लेकर संघर्ष करता दिखाई पड़ रहा है। पकड़ के पेड़ के पास स्थित प्राचीन कुआं अब लुप्त हो चुका है। काजी सराय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद शकील एवं यहां के कुछ जागरूक लोगों ने बताया कि लोगों के निर्माण और अतिक्रमण के चलते पुराना पाकड़ के पेड़ का अस्तित्व समाप्त हो रहा है। बताया कि कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की गई लेकिन सटीक पहल नहीं हुई। पिछले कुछ समय से लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क का चौड़ीकरण और सड़क के किनारे अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू की गई है।