माध्यमिक शिक्षक संघ पदाधिकारी ने किया प्रदर्शन बुलंद की आवाज

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अवधनामा संवाददाता

मुख्यमंत्री नामित ज्ञापन जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंप कर उठाई आवाज

उरमौरा स्थित जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर एक दिवासी धरना प्रदर्शन कर उठाई मांग

 10 सूत्री मांग पत्र को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने बुलंद की आवाज

सोनभद्र/ब्यूरो उरमौरा स्थित जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर शुक्रवार को एक दिवासी धरना प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री नामित 10 सूत्री मांग पत्र
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ डीआईओएस को सौपते हुए बुलन्द की आवाज़।
वहीं जिला अध्यक्ष शिवकुमार सिंह ने बताया कि
संघ द्वारा अपने मांग पत्र के माध्यम से समय-समय पर समस्याओं के समाधान का अनुरोध किया जाता रहा है किन्तु विभाग के अधिकारियों एवं शासन द्वार मांगो के प्रति उपेक्षात्मक रवैये के कारण शुक्रवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर धरना के माध्यम से संघ अपना विरोध दर्ज करा रहा है साथ ही निम्नलिखित मांग पत्र प्रेषित करते हुए आशा करता है कि शीघ्र ही इसका निदान आपके स्तर से किया जाएगा- राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखण्ड, हिमांचल प्रदेश की भांति उत्तर प्रदेश में भी पुरानी पेंशन बहाल की जाय।
अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों का प्रान्तीयकरण किया जाय,प्रान्तीयकरण होने से
(a) इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों / कर्मचारियों को कैशलेश चिकित्सा सुविधा मिल जायगी।
(b) स्थानान्तरण सरल हो जायेगा, प्रबंध तंत्र से NOC लेने की बाध्यता नहीं रहेगी साथ ही वरिष्ठता भी प्रभावित नहीं होगी।
(c) प्रधानाचार्य की भर्ती लिखित परिक्षा एवं साक्षात्कार के आधार पर हो सकेगा। (d) इन विद्यालयों में कार्यरत सहायक अध्यापक प्रवक्ता एवं प्रधानाचार्यों को पदोन्नति का
समान अवसर प्राप्त होगा। (e) शिक्षकों/कर्मचारियों को प्रबंधकों के शोषण से मुक्ति मिलेगी।
अध्यपकों को पदच्युत आदि पर निर्बन्धन सम्बन्धी उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की 21 यथा संसोधित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2019 की धारा 18 को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 में पुर्नस्थापित करते हुए शिक्षकों को चयन आयोग का संरक्षण जारी रखा जाय।
साथ ही तदर्थ प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य करने वाले वरिष्ठतम शिक्षक को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 18 की भांति प्रधानाचार्य का वेतन पाने का हक़ उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 में संरक्षित किया जाय।
एनपीएस के सरकारी अंशदान ग्रांट को वेतन ग्रांट के साथ ही जारी किया जाय तथा कार्यरत शिक्षकों के सभी प्रकार के लंबित अवशेषों का भुगतान अभियान चलाकर किया जाय और एक लाख के अवशेष स्वीकृत करने हेतु डीआईओएस और पांच लाख तक की स्वीकृति प्रदान करने हेतु सम्बंधित जिडे को अधिकृत किया जाय साथ ही अन्य विभागों की तरह माध्यमिक शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों में सिटिज़न चार्टर लागू किया जाय जिससे शिक्षक एवं छात्रों की समस्याओं का निराकरण समयबद्ध हो सके साथ ही ।
वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों को मान्यता के क्रम में अनुदान सूची पर लिया जाय, जब तक अनुदान नहीं मिलता तब तक ऐसे विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय प्रदान किया जाय।
विषय विशेषज्ञों की प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवा आगणित करते हुए सभी वित्तीय एवं प्रशानिक लाभ प्रदान किया जाय।
शिक्षकों/कर्मचारियों के समस्या के निस्तारण हेतु ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाय साथ ही माध्यमिक शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों में वायस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरे लगवाए जांय ताकि कार्यालयों में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके।
परिषदीय परीक्षा एवं मूल्यांकन पारिश्रमिक की दरों को सीबीएसई के समान किया जाय।
प्रवक्ता पद के चयन वेतनमान की विसंगति दूर करने हेतु जीपी 5400, L-10 की तालिका में संसोधित किया जाय तथा चयन वेतन प्राप्त सहायक अध्यापकों को सहायक प्रवक्ता पद नाम दिया जाय।
राजकीय एवं सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत अतिथि विषय विशेषज्ञों (व्यावसायिक शिक्षकों) से पूर्णकालिक शिक्षक के रूप में कार्य लिया जाय तथा वेतनमान निश्चित किया जाय।
इस मौके पर छःनु लाल , शिव कुमार सिंह, मुन्ना लाल जायसवाल ,विजय कुमार दुबे ,शैलेश मौर्य, बृजेश कुमार, सनोज कुमार ,ललित मोहन, कृष्ण कुमार कनौजिया, नवीन कुमार बिंद, सत्य प्रकाश सिंह, राहुल कुमार ,अमित कुमार सिंह ,सन्दीप कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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