जी-20 मंत्रियों की मीटिंग में मोदी बोले- देश में 45 प्रतिशत रियल टाइम ट्रांजैक्शन होता है

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नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज जी20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की बैठक को वर्चुअली संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम ने भारत के तेजी से होते डिजिटलीकरण की बात कही। पीएम ने कहा कि भारत में 85 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जो दुनिया में सबसे सस्ती डेटा लागत का आनंद ले रहे हैं। पीएम ने कहा कि हमने शासन को अधिक कुशल, समावेशी, तेज और पारदर्शी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है।
भारत में 850 मिलियन (85 करोड़) से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स सबसे सस्ते इंटरनेट डेटा का फायदा ले रहे हैं। आज के समय में 45 प्रतिशत से ज्यादा रियल टाइम पेमेंट इंडिया में ही होता है। कोरोना के दौरान हमने दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया। इसके लिए कोविन पोर्टल के जरिए ऑनलाइन आवेदन करना होता था और व्यक्ति तय डेट को पहुंचकर वैक्सीनेशन करा लेता था। किसी को भटकने की जरूरत नहीं पड़ती थी। भारत आर्टिफि़शियल इंटेलिजेंस से संचालित होने वाला लैंग्वेज ट्रांसलेटर भाषिनी पर काम कर रहा है।
जन धन खाते, आधार और मोबाइल फोन ने देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन में क्रांति ला दी। कोरोना काल में जन-धन खाते में हमारी सरकार ने महिला लाभार्थियों के खाते में लगातार तीन महीने 500 रुपए डाले थे।सरकारी योजनाओं में सरकार को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से 33 अरब डॉलर से ज्यादा की बचत हुई। भारत प्राचीन परंपराओं से लेकर नई तकनीक में भी कुछ ना कुछ स्थान बनाए है। यह विविधताओं से भरा देश है। जो समाधान भारत में सफल होता है, उसे दुनिया में कहीं भी आसानी से लागू किया जा सकता है।
एआई को लेकर किया बड़ा एलान
पीएम ने बैठक में बड़ा एलान करते हुए कहा हम एआई-संचालित भाषा अनुवाद मंच भाषिणी का निर्माण कर रहे हैं। यह भारत की सभी विविध भाषाओं में डिजिटल समावेशन का समर्थन करेगा। भारत का डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा वैश्विक चुनौतियों के लिए स्केलेबल, सुरक्षित और समावेशी समाधान प्रदान करता है।
डिजिटल पेमेंट में भारत सबसे आगे
पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल पेमेंट में भी भारत सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि वैश्विक रियल टाइम डिजिटल पेमेंट का 45 फीसद भारत में होता है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि देश में अब सरकारी सहायता का लाभ सीधा बैंक खाते में ट्रांसफर करने पर भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगी है और इससे 33 बिलियन डॉलर से अधिक की बचत हुई है।
जेएएम ट्रिनिटी से लोगों को हुआ फायदा
पीएम ने कहा कि हमारा अद्वितीय डिजिटल पहचान प्लैटफॉर्म आधार, हमारे 130 करोड़ लोगों को कवर करता है। मोदी ने आगे कहा कि हमने भारत में वित्तीय समावेशन में क्रांति लाने के लिए जेएएम ट्रिनिटी – जन धन बैंक खाते, आधार और मोबाइल की शक्ति का उपयोग किया है।
इसी के साथ हर महीने हमारी त्वरित भुगतान प्रणाली, यूपीआई पर लगभग 10 अरब लेनदेन होते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में भारत का डिजिटल परिवर्तन अभूतपूर्व है। यह सब 2015 में हमारी डिजिटल इंडिया पहल की शुरुआत के साथ शुरू हुआ।

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