गोष्ठी का प्रथम दिवस मातृ शक्ति को रहा समर्पित
मोहम्मदी-खीरी। लोक भारती द्वारा उत्तम नगर विचार गोष्ठी का आयोजन स्थानीय सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज में हुआ। गोष्ठी का प्रथम दिवस मातृ शक्ति को समर्पित रहा। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रजापिता बृहम्माकुमारी आश्रम मोहम्मदी की प्रमुख बहन अनुराधा ने की। मुख्य वक्ता समाज सेविका सीमा गुप्ता रही। अतिथि के रूप में जिला संघ चालक अमित भसीन व गायत्री परिवार के वरिष्ठ परिजन डां0 रमा शंकर गुप्ता रहे। गोष्ठी का संचालन लोक भारती के जिला संयोजक अतुल रस्तोगी ने किया। समाजसेविका सीमा गुप्ता ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तम नगर की पहली आवश्यकता शिक्षा है, दूसरी स्वास्थ्य है, तीसरी धार्मिक जागरूकता, चैथी आवश्यकता स्वच्छता की है, पांचवीं परिवार में संस्कार भाव लाना है। उन्होंने कहा कि हम लोग मन्दिरों में केवल जल चढ़ाने अथवा आरती के समय जाते हैं, हम सब कुछ समय मन्दिर में बैठे ध्यान करें, हमे चाहिए कि हम सब धार्मिक स्थल पर कीर्तनों में सम्मिलित हो, मन्दिरों के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सालय चलाये जाए, समाज मे जागरूकता लाएं। प्लास्टिक पालीथीन के प्रयोग से बचने के लिए पुराने कपड़ों से बने थैलों का प्रयोग करें, अपने भण्डारों व अन्य भोजों को भी पालीथीन मुक्त करें, परिवार में बच्चों को श्रेष्ठ संस्कार दे, यह काम घर के बडे बुजुर्ग अच्छे से कर सकते हैं। संस्कार गोष्ठियों का आयोजन समय समय पर होता रहे, महिलाओं का सम्मान घर व बाहर अवश्य करना चाहिए, इससे समाज मे सकारात्मकता आएगी। आर्यसमाज से सुमन पाण्डेय ने कहा कि सभी को प्रातः निहार मुह तुलसी पत्ती का सेवन करना चाहिए, एक्सपायरी दवाइयों को फेंके नही उन्हें पौधों के गमलों में डालें और बच्चो को प्रेरित करे कि वह कूड़ा कूड़ेदान में ही डालें। उन्होंने एक गीत ‘‘वंदना हम कर रहे हैं, ज्ञान प्रभु दे दीजिए’’ सुनाया। पतंजलि योगपीठ के प्रमुख डा0 सुभाष चन्द्र गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में समाज संस्कार विहीन है, सर्वप्रथम तो अच्छे संस्कार दिए जाएं, शुरूआत बच्चों से की जाये, बच्चे देश का भविष्य है, सभी मन्दिरों व धार्मिक स्थलों की सामूहिक बैठक की जाये, पूर्व जो भी कमियां रही उन्हें भूलकर अब नया कल सवारें, मिलजुल कर काम करे। सरस्वती विद्या मन्दिर के अध्यक्ष गोपाल मोहन रस्तोगी ने कहा कि,उत्तम नगर हेतु हम सबको सामुहिक प्रयास करने होंगे, हमारी मां ही हमारे संस्कारों की जननी होती हैं, प्रथम संस्कार हमे मां से ही मिलते हैं, परिवार में बच्चों को प्रारम्भ से ही अच्छे संस्कार दे। उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि शुनक का उदाहरण दिया कि किस तरह वह पूज्य मुरारी बापू की कथा सुनने जाते है और क्या कहते हैं, यह सब बातें संस्कारो से ही आती हैं, व्यक्ति चाहें जितना बड़ा हो यदि चरित्रवान नही है तो सब बेकार है। उन्होंने लेह लद्दाख़ यात्रा के संस्मरण में बताया कि एक ड्राइवर ने प्लास्टिक की खाली बोतल सड़क पर सार्वजनिक रूप से डाल दी तो दूसरे जागरूक ड्राइवर ने पहले ड्राइवर को गाडी ओवरटेक करके रोक कर डांटा की तुमने सार्वजनिक रूप से कैसे पहाड ़पर बोतल को फेंक दिया, फेंकने वाले ड्राइवर ने माफी मांगी कि आगे से ऐसा नही करेगें, छोटी छोटी बातों में सुधार से बड़े सुधार होंगे। सभाध्यक्ष बहन अनुराधा ने कहा हम सभी अपने श्रेष्ठ विचारों को कार्यों में क्रियान्वित करें, आज नैतिकता का पतन हो रहा है, शिक्षित समाज के लोग अपने परिजनों को बृद्धाश्रम भेज रहे हैं जो बहुत ही गलत है, मोबाईल का प्रयोग अच्छा भी है और बुरा भी इसका प्रयोग सीमित व सावधानी पूर्वक करें, पान-पुड़िया इधर उधर थूकने से बचने के लिए अगर हम इनका सेवन ही बन्द कर दे तो बहुत अच्छा रहेगा, व्यक्ति को स्वयं अपने से सुधार करने की शुरुआत करनी चाहिए, हमारा लक्ष्य उत्तम समाज होना चाहिये, तभी उत्तम नगर बनेगा, हम प्रकृति को भी शुद्ध बनाये, नए पेंड तो लगाए ही तथा साथ मे पुराने पेड़ों को कटने भी न दे। पेड़ों का संरक्षण करें। प्रसिद्ध महिला एवं स्त्रीरोग चिकित्सक डा0 रूपालिका मेहरोत्रा ने अपने लिखित सुझाव दिए, जिनमे स्वच्छता व उनके उपाय, जल संरक्षण, हरियाली, आराध्य स्थलों की सफाई व्यवस्था व उन्हें व्यवस्थित रखने के उपाय, गौ संरक्षण व आवश्यक सावधानी, अच्छे स्वास्थ्य के लिए योगाचार्य की आवश्यकता, सरकारी अस्पताल व व्यक्तिगत सेवा देने वाले डाक्टरों द्वारा समय समय पर कैम्प लगाकर उचित स्वास्थ्य सेवा व जानकारी उपलब्ध कराना। लोक भारती के जिला संयोजक अतुल रस्तोगी ने कहा कि यह गोष्ठी कई दिनों तक चलेगी इसमें सभी सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक संघठनों को आमंत्रित किया जा रहा है, हम सभी का लक्ष्य है कि मोहमदी को उत्तम नगर बनाया जाए, इसकी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बने। उत्तम नगर का यह स्वरूप अन्य नगरों में भी जाये उनका उदाहरण बने, लोक भारती की योजना में उत्तम ग्राम योजना भी है, निरन्तर कई दिन चलने वाली इस गोष्ठी से बहुत सारे अच्छे-अच्छे बिचार मिलेंगे जिनके आधार पर ही भविष्य के काम होंगे।