लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री स्वाती सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई शिक्षा नीति लाकर देश के छात्र-छात्राओं को अपना पंसदीदा विषय पढ़ने की आजादी दी है। नई शिक्षा नीति लागू होने से विद्यार्थी अपने मन के मुताबिक विषयों का चयन कर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार जताया।
स्वाती सिंह ने मंगलवार को खरगापुर स्थित हेरिटेज एकेडमी विद्यालय में आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कहा कि आज बच्चे अपने पसंदीदा विषय लेकर पढ़ने के लिए आजाद हैं। अगले कुछ सालों में नई शिक्षा नीति सभी स्कूलों में लागू हो जाएगी। उन्होंने छात्र-छात्राओं को नई शिक्षा नीति के बहुआयामी लाभ बताए। इससे पहले उन्होंने स्कूल प्रांगण में ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को नमन किया। वहीं, स्कूल के बच्चों ने देशभक्ति के गीतों पर अपनी शानदान प्रस्तुति दी।
इस मौके पर स्वाती सिंह ने देश की आजादी एवं मां भारती की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले महानायकों का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि अमर बलिदानियों के सपनों के अनुरूप देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सराहनीय कार्य हो रहे हैं। आज भारत समर्थ, समरस एवं शक्तिशाली भारत के रूप में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने तय कि है कि आजादी की 100वीं वर्षगांठ यानी 2047 में भारत को विकसित देश में रूप में स्थापित करेंगे। उन्होंने विश्वास दिलाया कि 2047 में विकसित देशों के पंक्ति में भारत सबसे आगे भी होगा।
पूर्व मंत्री ने सतत विकास लक्ष्य में भारत की वर्तमान स्थिति का जिक्र किया। कहा, संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में अगले 15 वर्षों के लिए सतत विकास लक्ष्य निर्धारित किये गए थे। इसके तहत 17 लक्ष्य तय किए गए, जिन्हें 2030 तक प्राप्त करने पर सहमति बनी। इनमें बेहतर शिक्षा, गरीबी का खात्मा, कोई भूखा न रहे, लैंगिक समानता समेत उन 17 लक्ष्यों को प्राप्त करने में सभी देश लग गए। जिसमें भारत की स्थिति आज अन्य देशों से बहुत अच्छी है और 2030 तक हम उन निर्धारित लक्ष्यों को जरूर प्राप्त लेंगे। उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण प्रांगण नहीं है यहां से भारत का भविष्य बनने वाला है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि स्कूल प्रबंधन और अभिभावक इन 17 सतत विकास लक्ष्य के प्रति बच्चों को जागरूक करें।
स्वाती सिंह ने देश की परमाणु यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि साल 1995 में भारत ने परमाणु परीक्षण करने की योजना बनाई थी, लेकिन अमेरिका नहीं चाहता था कि भारत उसकी बराबरी कर सके। इसके बाद 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अलट बिहारी वाजपेयी जी की अगुवाई और भारत के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नेतृत्व में भारत ने 1998 में अमेरिका के सेटेलाइट को चकमा देकर सफलतापूर्वक अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया और पूरी दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया। उस समय दुनिया ने मान लिया था कि भारत का भविष्य अब क्या होगा। उन्होंने कहा कि अटल जी और एपीजे अब्दुल कलाम बेशक आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी हर बात हमारे लिए प्रेरणा है। उन्होंने भारत की इस सफलता पर आधारित फिल्म परमाणु को बच्चों को दिखाने पर जोर दिया।
उन्होंने भारत रत्न अब्दुल कलाम के जीवन से जुड़े एक किस्से का जिक्र करते हुए कहा कि घर में पैसों की तंगी के कारण आगे की पढ़ाई के लिए कलाम जी की बड़ी बहन ने अपने कंगन गिरवी रखकर 1950 में भाई का एडमिशन सेंट जोसफ कॉलेज में कराया था। वो इंजिनियर बनना चाहते थे। उस वक्त एयरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग की फीस सिर्फ एक हजार रुपए थी।
पूर्व मंत्री ने चंद्रयान-मिशन 2 में मिशन डायरेक्टर और चंद्रयान-मिशन 3 में भी मिशन डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभालने वालीं ‘रॉकेट वुमन’ के नाम से चर्चित ऋतु करिधल श्रीवास्तव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लखनऊ की ऋतु विज्ञान की दुनिया में भारतीय स्त्रियों की बढ़ती धमक की मिसाल हैं। सभी बच्चों को उनसे सीख लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब चन्द्रयान-2 विफल हुआ तो चीन, अमेरिका बहुत खुश थे। लेकिन ईश्वर की कृपा से चन्द्रयान-3 के स्पेस में पहुंचने से पहले चन्द्रयान-2 भी सक्रिय रूप से काम कर रहा था। कहा, दृणसंकल्पित होकर सही भाव के साथ अगर किसी काम को किया जाए तो ईश्वर भी साथ देता है। उन्होंने बच्चों से कहा कि गर्व करिए कि आपने भारत देश में जन्म लिया। हम सभी को मिलकर इस देश को आगे लेकर जाना है।
स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में विद्यालय के निदेशक विनोद राय, डॉ रजनीश राय पूर्व छात्र नेता इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रधानाचार्य सुरभि राय, अमित राय, अंकित सिंह, रघुराज प्रताप सिंह एवं श्री अभिनव सिंह आदि उपस्थित थे।