अवधनामा संवाददाता
आवास भी हो गए जर्जर, छत से टपक रहा पानी, दीवारों में पड़ी दरार
हल्की सी बारिश में अस्पताल परिसर में लग जाता है जलजमाव
कुशीनगर। एक तरफ जहां सरकार पशुपालन विभाग को बढ़ावा देने के साथ पशुपालकों के लिए अनेक प्रकार की योजनाओं से लैश करने की ढिढोरा पीट रही है, वही जिले में तमाम ऐसे पशु चिकित्सालय है जिसकी हालत जर्जर व खस्ता हाल हो गई है। जिसका जीता जागता नमूना राजकीय पशु चिकित्सालय मोतीचक मथौली का है, जिसकी हालत बद से बदतर है। चिकित्सकों के रहने के लिए आवास भी जर्जर होकर खंडहर में तब्दील हो गया है। यहाँ ड्यूटी कर रहे चिकित्सकों व क्षेत्र से पहुंच रहे पशुपालक पर एक-एक पल मौत का साया मंडरा रहा है लेकिन विभाग के जिम्मेदारों का कुछ लेना-देना नही है, शायद मौत के इंतजार में है।
बता दें कि एक दशक पूर्व पशुपालन विभाग द्वारा विकास खंड मोतीचक के मथौली बाजार (अब नगर पंचायत) में राजकीय पशु अस्पताल का निर्माण कराया गया था। ताज्जुब इस बात की है निर्माण के बाद अब तक अस्पताल की रंगाई पुताई भी नहीं हो सकी है। कई महत्वपूर्ण अवसरों पर सरकारी भवनों का रंग रोगन भी नही हुआ, लेकिन इस अस्पताल का कोई सुधि लेने वाला नहीं है। इस पशु अस्पताल में प्रतिदिन काफी संख्या में क्षेत्र के पशुपालक अपने मवेशियों को इलाज कराने आते हैं। अस्पताल का चार कमरा व बरामदा सहित भवन एवं आवास पुराना होने के कारण दीवारों में दरारें पड़ गई हैं। छत की सरिया दरक गयी है और बरसात का पानी रिसाव होकर टपक रहा है। जगंला फाटक टूटी हुई हैं तथा नीचे की फर्श टूट कर गड्ढों में तब्दील हो गया है। जीर्णशीर्ण भवन में पशु चिकित्सक व कर्मी कामकाज निपटाते हैं। पशु अस्पताल का भवन शत प्रतिशत से भी अधिक जर्जरता में तब्दील हो चुका है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग का इसके पुर्ननिर्माण की ओर कोई ध्यान नहीं है। इसे जल्द नये सिरे से निर्माण नही कराया गया तो उक्त जर्जर भवन कभी भी गिर सकता है और जान-माल दोनों की हानी हो सकती है।
बरसात के दौरान कभी ढह सकता है अस्पताल
अस्पताल परिसर में ही चिकित्सक के रहने की व्यवस्था है। क्योंकि भवन की स्थिति जर्जर हो चुकी है। हमेशा डर बना रहता है। सबसे ज्यादा डर तो बरसात के मौसम में बना रहता है। इसके अलावा अस्पताल में शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण कर्मी बगल के घरों से पानी लाकर प्यास बुझाते हैं और नित्य क्रिया करते हैं।
निदेशालय को मरम्मत के लिए भेजा गया है प्रस्ताव
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी रविंद्र प्रसाद ने कहा कि राजकीय पशु चिकित्सालय मोतीचक जो मथौली बाजार में स्थापित है जर्जर होने का मामला मेरे संज्ञान में है। इसके मरम्मत के लिए इस्टीमेट तैयार कर निदेशालय को भेज दिया गया है। जैसे ही धन स्वीकृति होती है कार्य शुरू करा दिया जायेगा।