अवधनामा संवाददाता
प्रमुख, प्रधान, पत्रकार हो या जनमानस सभी है परेशान वीडियो के हिटलर शाही से
अयोध्या। मया बीडीओ भ्रष्टाचार करने के लिए अखबारों मे सुरखियो मे रही जैसे:- फलदार वृक्ष घोटाला, सामूहिक विवाह घोटाला, जीएसटी चोरी , प्रधान व पत्रकार पर फर्जी मुकदमा लिखाने के षडयंत्र की कृत के बाद नया कारनामा प्रकाश में आया है। विकासखंड मया के 9 ग्राम प्रधानों ने माननीय उपमुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन को एक पत्र प्रेषित किया गया है। जिसमें कहा गया है कि खंड विकास अधिकारी गौरीशा श्रीवास्तव द्वारा वित्तीय वर्ष 2022 -23 एवं 2023- 24 महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना की सामग्री मद के भुगतान के लिए अपने दलाल अजय कुमार वर्मा कंप्यूटर ऑपरेटर तथाकथित संविदा कर्मचारी और अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी के माध्यम से 6 प्रतिशत की धनराशि सुविधा शुल्क के नाम पर उगाही की शिकायती पत्र दिनांक 21/7/2023 भेजा गया।सूत्रों की माने तो चर्चा है कि बीडीओ गौरीश श्रीवास्तव स्यमं के विवाह कार्यक्रम में छुट्टी के दौरान विकासखंड पूरा बाजार के खंड विकास अधिकारी मनीष मोर्या चार्ज पर थे विकासखंड मया के कई ग्राम पंचायतों में इन्होंने दो करोड़ रुपए की आईडी जारी की गई। जिसके लिए सुविधा शुल्क के नाम पर दो प्रतिशत उगाही की चर्चा आम है। वीडियो गौरीशा श्रीवास्तव ज्वाइन करने पर दो करोड़ की आईडी जारी होने की जानकारी होने पर तत्काल सभी टेक्निकल को नोटिस जारी कर दिया 60/40 के रेसियो के बिना कैसे दी गयी कार्य करने की स्वीकृति।
ग्राम प्रधानों ने शिकायती पत्र में लिखा है की शासन से पैसा आने पर अपने चहेतों को मनमाने ढंग से भुगतान कर दिया गया है। जब की पिछले वित्तीय वर्षों का कई ग्राम पंचायत मनरेगा में कराये गये कार्यों का भुगतान नही हुआ। कराये गये विकास कार्यों के सापेक्ष सामाग्री मद में सरकार द्वारा समय-समय पर पर्याप्त धनराशि उपलब्धि कराई गयी और की जा रही है ।ग्राम पंचायतों का मुगतान न करके सरकार/शासन की छवि खराब की जा रही है जिससे सरकार की मंशा के अनुसार विकास कार्य नहीं हो पा रहा है।जबकि वीडियो के चहेते ग्राम प्रधानों द्वारा कराए गए विकास कार्यों नियम विरुद्ध निरंतर भुगतान हो रहे हैं। वीडियो गौरीशा श्रीवास्तव पर यह भी आरोप लगाया गया है कि कूटरचित ढंग अपने चापलूस चटकार फार्मो के प्रोपराइटर और ग्राम प्रधान को लाभ पहुंचाया जा रहा है जिसमें ग्राम प्रधानों में आक्रोश व्याप्त है।
पत्रकार पर छेड़खानी का मुकदमा लिखाने की भी धमकी, लेकिन भुगतान नहीं
मया वीडियो गौरीशा श्रीवास्तव के संरक्षण में सचिव और वीडियो के कार्यालय से अल्प निविदा ( विज्ञापन ) प्रकाशन के लिए पत्रकारों को व्हाट्सएप पर आरो भेजा जाता है, और जब भुगतान के लिए पत्रकार जब संपर्क करते हैं, तो साफ मना कर दिया जाता है। आरो लाइए जब आरो हार्ड कॉपी दिया ही नहीं गया, तो पत्रकार कहां से दें, यह छोटे अखबारों की बात नहीं है। बड़े अखबारों के साथ भी यही खेल हो रहा है। आपको एक अखबार में प्रकाशित विज्ञापन के बारे में बताते हैं। वीडियो के कार्यालय से व्हाट्सएप पर पत्रकार को विज्ञापन भेजा गया। विज्ञापन छपने के बाद जब विल ₹56000 का वीडियो कार्यालय को प्रेषित किया गया, तो उसका भुगतान करने से साफ मना कर दिया है। जब यह बड़े अखबारों का हाल है। तो छोटे अखबारों के पत्रकारों के साथ कैसा व्यवहार होता होगा यह आप अंदाजा लगा सकते हैं। मया विकासखंड के छोटे से लेकर आला अधिकारियों का यही हाल है। यहां तक की छेड़खानी के मुकदमा पत्रकार पर लिखाने की भी धमकी दे डालती हैं। लेकिन भुगतान नहीं करेंगे। चापलूस और दलालों की ही इंट्री है। विकासखंड का हाल इतना बुरा है कि शिकायतकर्ता के पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं। सूचना अधिकार के आवेदन पत्र को ठंडे बस्ते में। लीगल नोटिस को संज्ञान मे ही नहीं लेती खंड विकास अधिकारी गौरीश श्रीवास्तव। शिकायतकर्ता अगर इनके कार्यालय जाता है,तो मुकदमा लिखने की धमकी दे डालती हैं। यह एक मनबड किस्म की महिला है। हिटलर शाही करना चाहती है।गौरीश के बोल बचन
लखनऊ मेरा घर है कई विधायक हैं, मेरे परिचित मैं फाइल परवाने की हैसियत रखती हूं, मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता। आपको पता है ना सत्ता के लोग भी मेरा ट्रांसफर नहीं करा पाए मेरी पकड़ ऊपर तक है।