अवधनामा संवाददाता
छः साल से बैनामे की जमीन से कब्जा नही हटवा पाई थी प्रशासन
अनशन पर बैठते ही चंद मिनटों में एसडीएम ने समस्या का करा दिया समाधान
कुशीनगर। छः साल से अपने ही बैनामे की जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए विकास खंड विशुनपुरा के गांव कटाई भरपुरवा निवासी दो महिलाएं तहसील से लेकर जिला तक अधिकारियों का चक्कर लगा चुकी थी। कब्जा न हटने की दशा में आज 3 जुलाई को दोनों महिलाएं अनशन की चेतावनी दी थी। दोनों महिलाएं जैसे ही अनशन पर बैठी तहसील प्रशासन की हालत बिगड़ने लगी। आनन फानन में पहुंचे एसडीएम खड्डा ने तत्काल कब्जा मुक्त कराने का आश्वासन दिया और अनशन तोड़ता दिया।
वर्ष 2017 में पीड़ित महिलाए मराछी देवी व सिमरिखिया के नाम से बैनामे की जमीन ली गयी थी लेकिन जमीन की खारिज दाखिल होने के बाद भी उक्त बैनामे की जमीन पर कब्जा नहीं पा सकी थी। उक्त जमीन पर किसी अन्य का कब्जा था जिसे पाने के लिये पीड़ित महिलाओं के परिजनों ने तहसील से लगायत जिलास्तरीय अधिकारियों के दफ्तर का पूरे छः वर्षों तक महज चक्कर ही लगा पाया था लेकिन जमीन दबंगों के कब्जे से मुक्त नहीं हो सकी थी। अन्त में हार थक कर एक अंतिम विकल्प के रूप में पिछले 16 अप्रैल 2023 को अपने दरवाजे पर आमरण अनशन करने का निर्णय लेकर भूस्वामी महिलाओं ने अनशन प्रारम्भ कर दिया। क्रमिक अनशन के बीच में तहसील के अधिकारियों ने उक्त अनशनकारियों से नब्बे दिन के अन्दर समाधान कर देने के लिखित आश्वासन पर अनशन तोड़ता दिया था किंतु जब आश्वासन की अवधि समाप्त हो गयी और समस्या ज्यों का त्यों बनी ही रह गयी तब पुनः तहसील से लगायत जिलास्तरीय अधिकारियों तक लिखित सूचना से अवगत करा 03 अगस्त गुरुवार से अपने दरवाजे पर दोनों महिलाओं ने आमरण अनशन पर बैठ गई। समस्या की समाधान के बाबत दोपहर बाद अनशन स्थल पर पहुँचे एसडीएम सदर खड्डा ने अपनी पूरी राजस्व टीम की मदद से विवादित जमीन की पैमाईश करायी। पैमाईश कराने के बाद कम पड़ रही जमीन को कब्जा किये दबंगों से दिलवा समस्या का समाधान करा दिया। समाधान के बाद एसडीएम आशुतोष ने अनशनकारी महिलाओं को पानी पिलाकर संतुष्ट करते हुए अनशन तोड़ता दिया।