कहा- कानूनी प्रकिया का दुरुपयोग हुआ; मुझे अहंकारी कहना सही नहीं
नई दिल्ली। मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी ने बुधवार यानी 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि कानूनी प्रकिया का दुरुपयोग हुआ है। उन्होंने कहा कि माफी मांगने से मना करने पर मुझे अहंकारी कहा गया। ये निंदनीय है।
राहुल ने आगे कहा कि मानहानि केस में उन्हें अधिकतम सजा दी गई है। इसके चलते संसद सदस्यता चली गई। पूर्णेश मोदी खुद मूल रूप से मोदी समाज के नहीं हैं। ऐसे में उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए।
दरअसल, 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार और सूरत के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी को मामले में जवाब देने के लिए कहा था। इस पर पूर्णेश मोदी ने कोर्ट में 21 पेज का हलफनामा दायर करते हुए कहा कि मोदी सरनेम केस में राहुल का रवैया अहंकारी है। उनकी याचिका खारिज कर देना चाहिए।
राहुल गांधी ने 2019 में मोदी सरनेम को लेकर एक बयान दिया था। इसके खिलाफ भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी।
सजा के खिलाफ राहुल सूरत सेशन कोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट भी गए थे, लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने 15 जुलाई को सजा पर रोक लगवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। वहीं, पूर्णेश मोदी ने भी कोर्ट से अपील की थी कि उन्हें सुने बिना फैसला नहीं दिया जाए। इस मामले में अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी।
राहुल के वकील ने की जल्दी सुनवाई की मांग
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने 21 जुलाई को मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई शुरू करने से पहले जस्टिस गवई ने कहा कि उनके पिता कांग्रेस से जुड़े हुए थे और भाई भी कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। ऐसे में उनके सुनवाई करने से किसी पक्ष को कोई आपत्ति तो नहीं है। इस पर दोनों पक्षों ने कहा कि उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है।
राहुल के वकील अभिषेक सिंघवी ने कोर्ट से राहुल गांधी एक संसद सत्र में शामिल नहीं हो पाए और मानसून सत्र भी निकला जा रहा है। वायनाड लोकसभा क्षेत्र के लिए जल्द ही उपचुनाव भी घोषित किए जा सकते हैं। ऐसे में मामले में जल्दी सुनवाई की जानी चाहिए।
सिंघवी ने राहुल के लिए अंतरिम राहत की मांग भी की। इस पर कोर्ट ने कहा कि वे दूसरे पक्ष को सुने बिना अंतरिम राहत नहीं दे सकते। सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल ने 3 अप्रैल को सूरत सेशन कोर्ट में अपील की थी। तस्वीर उसी समय की है।
सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो 2031 तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे राहुल
राहुल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो वे 2031 तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। राहुल को इस मामले में 23 मार्च 2023 को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। नियम के मुताबिक, सजा पूरी होने के छह साल बाद तक चुनाव लडऩे पर रोक रहती है। ऐसे में 2025 में उनकी सजा पूरी होगी और उसके बाद 6 साल तक चुनाव लडऩे पर रोक रहेगी।
गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका
7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने मानहानि केस में राहुल की याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट के जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने कहा था, ‘राहुल के खिलाफ कम से कम 10 क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं। ऐसे में सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है। इस केस में सजा न्यायोचित और उचित है।