अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी। भाजपा ने पसमांदा समाज को अपने राष्ट्रीय संगठन में जगह दे दिया पर सपा ने पसमांदा मुस्लिम समाज को आज तक जगह नहीं दिया सिर्फ़ वोटबैंक से आगे बढ़ने ही नही दिया। बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखकर समाज का सिर्फ दोहन ही किया। आज पीएम मोदी ने जब इस समाज का जिक्र किया साथ लेने की बात की तो दूसरे दलों के पेट मे मरोड़ हो रहा है। अब समय है कि पसमांदा समाज हिस्सेदारी देने वाले का ही साथ दे वह भले ही भाजपा क्यो न हो।
यह बात आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने अपने बयान में कही। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान सरकार के खिलाफ बने गठबंधन में वह सारे दल हैं जो अपनी अपनी जातियों को सत्ता रहते फायदा पहुंचाने के लिए बदनाम हैं। सपा ने यादवो को और अशराफ मुसलमान को तरजीह दी, एजेंडे में पसमांदा मुसलमान नही रहा जिसकी सामाजिक स्थिति दलितों से भी बदतर बताई जा चुकी है और जिस 85 फीसदी समाज ने इस दल को सत्ता की दहलीज तक पहुंचाया। बस यही आस बंधी रही कि इस सहयोग के एवज में यह दल पसमांदा मुसलमान के लिए कुछ करेंगे कुछ सोंचेंगे पर आजादी के बाद से अब तक पसमांदा मुस्लिम समाज का सिर्फ वोटबैंक की तरह इस्तेमाल होता रहा। किसी ने इस समाज के हक व बुनियादी सुविधाओं का ख्याल नही किया।
उन्होंने कहा कि आज जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पसमांदा मुस्लिम की बात की, उसे साथ जोड़ने की पहल की, पार्टी ने भी कदम आगे बढ़ाया तो दूसरे दलों में आग लग गई, अब सब पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रहे, इंडिया नामक मोर्चा भी बना डाला।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया कि आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी 15 फीसदी अशराफ मुसलमानों की अगुवाई कर रहा, उसे 85 फीसदी पसमांदा मुसलमानों से कोई लेना देना नही।