सिंबल के मुद्दे पर चुनाव आयोग जाएंगे
मुंबई। दिल्ली में एनसीपी की कार्यकारिणी की बैठक के बाद शरद पवार ने कहा- पार्टी का अध्यक्ष मैं हूं। कौंन क्या कह रहा है मुझे नहीं पता। किसी और के कुछ कहने की अहमियत नहीं। उनके दावों में कोई सच्चाई नहीं है। पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न के मुद्दे पर एनसीपी चुनाव आयोग से संपर्क करेगी। आज की बैठक से हमारा हौंसला बढ़ा है।
जब पवार से रिटायरमेंट को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 82 हो या 92, उम्र से कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं पार्टी को फिर से खड़ा करूंगा। अगर कोई (अजित पवार) मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।
बैठक के बाद एनसीपी नेता पीसी चाको ने बताया कि एनसीपी कार्यकारिणी की बैठक में नेताओं ने शरद पवार पर भरोसा जताया है। मीटिंग में 8 प्रस्ताव पास हुए हैं। सरकार में शामिल होने वाले 9 विधायकों को पार्टी से निकाल दिया गया है। उधर, अजित पवार ने इस मीटिंग को गैरकानूनी बता दिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शरद पवार से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की। उधर, अजित गुट ने नरेंद्र राणे को मुंबई एनसीपी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है।
दिल्ली में अजित-प्रफुल्ल पटेल के पोस्टर हटे
5 जुलाई को शरद पवार को हटाकर अजित पवार खुद एनसीपी के अध्यक्ष बन गए थे। इसके एक दिन बाद गुरुवार को शरद पवार दिल्ली में एनसीपी कार्यकारिणी की बैठक की। शरद पवार के दिल्ली पहुंचने से पहले राजधानी में लगे वो पोस्टर हटा दिए गए, जिनमें अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल के फोटो लगे थे।
दिल्ली में नए पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें अजित-प्रफुल्ल पटेल नहीं हैं। कुछ पोस्टर ऐसे भी हैं, जिनमें कटप्पा के बाहुबली को मारने का सीन है। लिखा गया है- गद्दारों को जनता माफ नहीं करेगी। दिल्ली में अब सिर्फ शरद पवार और सुप्रिया सुले के पोस्टर लगे हैं। पार्टी के यूथ विंग ने गद्दार लिखे हुए पोस्टर भी कई जगहों पर लगाए।
मनसे नेता अभिजित पानसे ने शिवसेना सांसद (उद्धव गुट) संजय राउत से मुलाकात की। सामना दफ्तर में हुई यह बैठक करीब आधे घंटे तक चली। हालांकि, इस मुलाकात की वजह अब तक साफ नहीं है। खबरें हैं कि महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल के बाद दोनों भाई साथ आ सकते हैं। अजित पवार की बगावत के बाद से लगातार ठाकरे सेना और एमएनएस के कार्यकर्ता इसकी मांग भी कर रहे हैं। इस मांग को लेकर कार्यकर्ताओं ने पोस्टर्स भी लगाए हैं।
गुरुवार को न्यूज एजेंसी से बात करते हुए भी महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने इस्तीफे की खबरों को अफवाह बताया। उन्होंने कहा- अजित पवार के सरकार में शामिल होने से कोई भी नाखुश नहीं है। अजित पवार के साथ आने से हमारी सरकार और मजबूत हुई है। एनसीपी को अपने बारे में सोचना चाहिए कि उनकी पार्टी में क्या हो रहा है। हमें पीएम मोदी और अमित शाह का समर्थन प्राप्त है।
शिवसेना नेता (शिंदे गुट) उदय सावंत ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा- महाराष्ट्र सरकार में शामिल दल एकनाथ शिंदे के ही नेतृत्व में आगे बढ़ेंगे। उद्धव ठाकरे गुट के कुछ विधायक भी हमारे संपर्क में हैं, वो जल्द ही शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं।
अजित पवार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अपने समर्थक 32 विधायकों को ताज होटल भेज दिया। बताया जा रहा है कि टूट-फूट की आशंका के चलते यह कदम उठाया गया है।