पुट्टपर्थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी में साईं हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया। इसे सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट ने बनवाया है। प्रशांति निलयम सत्य साईं बाबा का मुख्य आश्रम है। यह बिल्डिंग लगभग 56 हजार 500 वर्ग फुट में बनाई गई है। इसमें दो सभागार हैं, दोनों में ही एक-एक हजार लोगों के बैठने की क्षमता है।
कन्वेंशन सेंटर के इनॉगरेशन के बाद प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम देश-विदेश से शामिल लोगों को संबोधित किया। पीएम ने कहा- इस पूरे आयोजन में श्री सत्य साईं की प्रेरणा और उनका आशीर्वाद हमारे साथ है। मैंने इस कन्वेंशन सेंटर की तस्वीरें देखी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा- इस सेंटर में आध्यात्मिकता की अनुभूति भी है और आधुनिकता की आभा भी है। इसमें सांस्कृतिक दिव्यता भी है और वैचारिक भव्यता भी है। यहां अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े पूरी दुनिया के विद्वान इक_ा होंगे।
मोदी ने कहा- श्री हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर के रूप में देश को एक प्रमुख विचार केंद्र मिल रहा है। इस सेंटर में आध्यात्मिकता की अनुभूति भी है और आधुनिकता की आभा भी है। इसमें सांस्कृतिक दिव्यता भी है और वैचारिक भव्यता भी है।
देश को एक प्रमुख विचार केंद्र मिल रहा
वर्चुअली समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि हीरा ग्लोबल कन्वेंशन सेंटर के रूप में देश को एक प्रमुख विचार केंद्र मिल रहा है। इस सेंटर में आध्यात्मिकता की अनुभूति भी है और आधुनिकता की आभा भी है। इसमें सांस्कृतिक दिव्यता भी है और वैचारिक भव्यता भी है।
भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि कोई भी विचार तभी प्रभावी होता है, जब उस पर अमल किया जाए। उन्होंने कहा कि आज भारत कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ रहा है और विकास और विरासत को आगे बढ़ा रहा है। आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। समाज के हर वर्ग की भागीदारी से आज बदलाव आ रहा है।
मुझे हमेशा सत्य साईं का आशीर्वाद मिला
श्री सत्य साईं के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, मुझे हमेशा सत्य साईं का आशीर्वाद मिला। इस पूरे आयोजन के दौरान श्री सत्य साईं की प्रेरणा और आशीर्वाद हमारे साथ है। मैंने इस कन्वेंशन सेंटर की तस्वीरें देखी हैं, इस केंद्र में आध्यात्मिकता की भावना है और आधुनिकता की उपस्थिति। इसमें सांस्कृतिक दिव्यता के साथ-साथ वैचारिक भव्यता भी है। दुनिया भर से विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान यहां जुटेंगे।
कर्तव्यों को प्राथमिकता बनाकर आगे बढ़ रहा है भारत
प्रधानमंत्री बोले- आज भारत भी कर्तव्यों को पहली प्राथमिकता बनाकर आगे बढ़ रहा है। आजादी के 100 साल के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हुए, हमने हमारे अमृतकाल को कर्तव्य काल का नाम दिया है। हमारे कर्तव्यों में आध्यात्मिक मूल्यों का मार्गदर्शन भी है और भविष्य के संकल्प भी हैं। इसमें विकास भी है और विरासत भी है।
हम डिजिटल टेक्नोलॉजी में बड़े देशों का मुकाबला कर रहे
प्रधानमंत्री ने कहा- डिजिटल टेक्नोलॉजी और 5त्र जैसे क्षेत्रों में हम बड़े-बड़े देशों का मुकाबला कर रहे हैं। दुनिया में आज जितने भी रीयल टाइम ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हो रहे हैं, उसमें 40त्न अकेले भारत में हो रहे हैं।
श्री अन्न में स्वास्थ्य भी है और संभावनाएं भी
सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट आंध्र के करीब 40 लाख विद्यार्थियों को श्री अन्न से बना भोजन दे रहा है, ये भी एक बहुत सराहनीय पहल है। इस तरह के काम से दूसरे राज्यों को भी जोड़ा जाए तो देश को इसका बड़ा लाभ मिलेगा। श्री अन्न में स्वास्थ्य भी है और संभावनाएं भी हैं। हमारे ऐसे सभी प्रयास वैश्विक स्तर पर भारत के सामथ्र्य को बढ़ाएंगे और भारत की पहचान को मजबूती देंगे।
सत्य साईं बाबा ने देश में तीन मंदिर स्थापित किए थे
सत्य साईं बाबा एक आध्यात्मिक गुरु थे। उनके बचपन का नाम सत्यनारायण राजू था। उनका जन्म आन्ध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी गांव में 23 नवम्बर 1926 को हुआ था। बाबा को प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु शिरडी के साईं बाबा का अवतार माना जाता है।
वे अपने माता-पिता की 8वीं संतान थे। 8 साल की उम्र में बाबा ने भजनों की रचना करनी शुरू कर दी थी। 24 अप्रैल 2011 को उन्होंने महासमाधि ले ली थी। उन्होंने भारत में तीन मंदिर स्थापित किये थे। इसमें मुंबई में धर्मक्षेत्र, हैदराबाद में शिवम और चेन्नई में सुंदरम शामिल है। इनके अलावा दुनियाभर के 114 देशों में सत्य साई केंद्र बने हुए हैं।
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