अवधनामा संवाददाता
कानपुर एंटरटेन्मेंट स्किल कॉन्सिल के वरिष्ठ सलाहकार रहे वही उनको तत्कालीन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह द्वारा पार्टी की सदस्यता दिलाना निकाय चुनावो मे कानपुर के लिए ट्रम्प कार्ड साबित हुआ।कानपुर निकाय चुनावो मे शहर की तीन सीटे मुस्लिम बहुल्य हैं जहाँ मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका मे है,ज़िसे सपा अपनी जायदाद मानती चली आ रही हैं,जिस वजह से शहर की तीनो विधानसभा सीटे सपा के खाते मे दर्ज है,इसी गलतफहमी के सभी शिकार हुए और सिर्फ ऊपरी तौर पर उसके विधायक काम करते रहे,वही दूसरी ओर भाजपा के डॉ.रोहित सक्सेना पूरी रमजान क्षेत्र के लोगो और क्षेत्र की संस्याओ को दूर करने के लिए रात रात भर काम कर मुस्लिम मतदाताओ का दिल जीतते रहे,जिसकी ओर सपा प्रबंधन का ध्यान ही नहीं गया,यहाँ तक की अतीक की घटना के बाद भी डॉ.सक्सेना बिना रुके,बिना परवाह करें अपना काम करते रहे,ज़िसने मतदाताओ पर एक गहरा प्रभाव छोडा।जब डॉ.सक्सेना से क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी के बारे मे पूछा गया तो उन्होने कहा यदि पार्टी आदेश करेगी तो आदेश का पालन करेंगे,परंतु उनकी स्वयं की ऐसी कोई इच्छा नहीं,साथ ही यह भी कहा कि 2024 के चुनावो मे वो इसी तरह शांति से पूरे प्रदेश मे इस मकैनिज्म का इस्तेमाल कर पूरी कोशिश करेंगे