लखनऊ : कृषि उत्पादकता तथा किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से माननीय केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज विश्व के पहले नैनो डीएपी (तरल) उर्वरक का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री के सहकार से समृद्धि और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। माननीय मंत्री जी ने इफको सदन में आयोजित एक समारोह में नैनो डीएपी (तरल) राष्ट्र को समर्पित किया, जिसे भारत व विदेश में करोड़ों किसानों और सदस्य सहकारी समितियों ने ऑनलाइन देखा।इफको ने नैनो डीएपी के उत्पादन के लिए गुजरात में कलोल, कांडला और उड़ीसा में पारादीप में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना की है। कलोल संयंत्र में उत्पादन पहले ही शुरू हो चुका है। इस वर्ष नैनो डीएपी के 5 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जाएगा जो 25 लाख टन डीएपी के बराबर होगा। आशा है कि वित्त वर्ष 2025-26 तक इफको के तीनों नैनो डीएपी संयंत्रों से नैनो डीएपी की 18 करोड़ बोतलों का उत्पादन किया जाएगा। नैनो डीएपी (तरल)नाइट्रोजन और फास्फोरस का उत्तम स्रोत है, जो पौधों में इन पोषक तत्वों की कमी को दूर करता है।उर्वरक क्षेत्र की विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा विकसित तरल उर्वरक नैनो डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत 2 मार्च, 2023 को अधिसूचित किया गया है। इफको को भारत में नैनो डीएपी (तरल) के उत्पादन की अनुमति देने के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी की गई थी। यह जैविक रूप से सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही अवशेष मुक्त हरित कृषि के लिए उपयुक्त है। इफको के अध्यक्ष श्री दिलीप संघाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’के सपने के अनुरूप किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें बेहतर भविष्य प्रदान करने के उद्देश्य से नैनो डीएपी (तरल) को विकसित किया गया है।