यूनिलीवर के लाइफबॉय और वैक्सीन अलाएंस, गावी की कामयाब साझेदारी सफल शुरुआत ने उत्तर प्रदेश में व्यवहार में स्‍थायी बदलावों का समर्थन किया

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लखनऊ: यूनिलीवर के लाइफबॉय और 2017 में बने वैक्सीन अलायंस गावी (GAVI) ने उत्तर प्रदेश में सफल शुरुआत (‘सफल शुरुआत’) पहल शुरू करने के लिए ग्रुपएम के साथ साझेदारी की है। इस संयुक्त साझेदारी का उद्देश्य नियमित रूप से साबुन से हाथ धोना (HWWS) और डायरिया और निमोनिया जैसी बीमारियों के कारण पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु को रोकने के लिए पूर्ण टीकाकरण जैसे आसान और लागत प्रभावी व्यवहारों को प्रोत्साहित करना है।

यूनिलीवर के लाइफबॉय और गावी का यह संयुक्त कार्यक्रम भारत सरकार की दो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं – मिशन इन्द्रधनुष -और स्वच्छ भारत अभियान के मुताबिक है। मिशन इंद्रधनुष जहां देश भर में सभी बच्चों के लिए टीकाकरण कवरेज का विस्तार करने के लिए एक स्वास्थ्य मिशन है, वहीं स्वच्छ भारत अभियान सर्वव्‍यापी स्वच्छता हासिल करने की पहल है, जिसमें भारत को खुले में शौच करने से मुक्त बनाना और देश में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करना शामिल है। इन सरकारी नीतिगत प्राथमिकताओं का उद्देश्य क्रमशः संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों 3 और 6 को प्राप्त करना है।

इस कार्यक्रम के बारे में विशेष जानकारी साझा करते हुए हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड में ब्यूटी एंड वेलबीईंग और पर्सनल केयर के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर और यूनिलीवर दक्षिण एशिया (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल) में ब्यूटी वेलबीईंग एंड पर्सनल केयर के महाप्रबंधक मधुसूदन राव ने कहा, “सफल शुरुआत एक मल्‍टी-चैनल नजरिये का एक उदाहरण है जो महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जानकारी और साफ-सफाई संबंधी सूचनाओं को युवा अभिभावकों और व्यापक समुदायिक स्तर पर फैलाने के मकसद से फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए प्रत्यक्ष पारस्परिक संचार; मोबाइल संचार; सामुदायिक जुड़ाव और क्षमता निर्माण का इस्तेमाल करता है। कार्यक्रम में विभिन्न बिंदुओं से आने वाले संदेशों द्वारा इन व्यवहारों को सफलतापूर्वक चलाने के लिए मौजूदा सरकारी बुनियादी ढांचे के माध्यम से आमने-सामने मिलना, मोबाइल रिमाइंडर, स्कूल की बातचीत और बैठकें महत्वपूर्ण हैं।”

2018 से, अपने प्रारंभिक पायलट हस्तक्षेप के बाद विस्तार के तहत परियोजना उत्तर प्रदेश के 14 जिलों के 6102 गांवों में 28 लाख से अधिक लोगों तक पहुंचने में सफल रही है और इसने लोगों के ज्ञान, दृष्टिकोण और अच्छी प्रथाओं को अपनाने में सकारात्मक बदलाव का प्रदर्शन किया है।
बच्चे को कितनी बार टीकाकरण की आवश्यकता है, इस बारे में जानकारी 27.5% से बढ़कर 50% पहुंच गई है और अब काफी अधिक संख्या में माता-पिता यह जानते हैं कि डायरिया और निमोनिया की टीकों से रोकथाम की जा सकती है। 28% अधिक माता-पिता ने शौच के बाद साबुन से हाथ धोना शुरू किया और अपने बच्चे को खिलाने से पहले साबुन से हाथ धोने वाले माता-पिता की संख्या में 6 गुना वृद्धि हुई! जिन्होंने HWWS, टीकाकरण और आयु-उपयुक्त पोषण को महत्वपूर्ण अभिभावकीय व्यवहार के रूप में जोड़ना शुरू किया, इनकी संख्या में क्रमशः 18.6%, 26.3% और 21.3% की वृद्धि हुई।

दो सफल चरणों के बाद, सफल शुरुआत ने अपने अंतिम चरणों में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप को और मजबूत करने के लिए इसे आसानी से दोहराने योग्य, व्यापक और स्‍थायी बनाने के लिए काम किया।

इस पहल को लागू करने वाली एजेंसी ग्रुपएम में डायलॉग फैक्ट्री में एपीएसी में एक्सपेरिमेंटल मार्केटिंग के प्रमुख दलवीर सिंह ने कहा, “परियोजना इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभिन्न संचार चैनलों की संभावनाओं को तलाश रही है। इनमें डिजिटल और सोशल मीडिया के साथ-साथ फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) जैसी मौजूदा सामुदायिक संरचनाओं का उपयोग शामिल है। यह परियोजना मैसेंजर्स और प्लेटफार्म्‍स के इन विभिन्न क्रमपरिवर्तनों का परीक्षण कर रही है और प्रेरणा व वांछित व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए कई संपर्क बिंदु के माध्यम से संदेशों को मजबूत कर रही है ताकि सामाजिक मानदंडों को फिर से तैयार करते हुए स्व-क्षमता को बढ़ाया जा सके।”

यह कार्यक्रम सामाजिक-पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर प्रत्येक स्तर पर वर्गीकृत बाधाओं को दूर करने के लिए काम कर रहा है। यह ग्रामीण भारत में माता-पिता, परिवार और समुदाय की संयुक्त प्रभावकारिता को सशक्त बना रहा है। इसने लंबे समय तक चलने वाले प्रभावों के लिए कार्यक्रम के मुताबिक स्थिरता और सक्षम प्रणाली को मजबूत किया है।

यूनिलीवर के मधुसूदन राव ने कहा, “सफल शुरुआत के तीसरे चरण के लिए मजबूत शोध के माध्यम से देखा गया प्रभाव उत्साहजनक रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) सहित हितधारकों के साथ इस बात को लेकर संवाद जारी है कि कैसे मौजूदा कार्यक्रमों और प्रणालियों के साथ आगे एकीकरण के लिए इन सीख को अपनाया जा सकता है।”

समुदाय के भीतर व्यवहार परिवर्तन लाने में सफल शुरुआत एक महत्वपूर्ण परियोजना रही है। यूनिलीवर के लाइफबॉय और गावी- द वैक्सीन एलायंस के बीच इस साझेदारी ने एक मिसाल स्थापित की है कि कैसे सहयोग और संयुक्त स्वामित्व स्थायी प्रभाव के साथ समुदाय-व्यापी पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण हैं।

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