अवधनामा संवाददाता
प्रत्येक दिन पांच सौ से ज्यादा कोरोना की कराई जा रही जांच
बुखार, सर्दी व जुकाम के मरीज पहुंच रहे अस्पताल
कुशीनगर। अगल बगल के जिलों में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद कुशीनगर का स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। प्रत्येक दिन पांच सौ से ज्यादा कोविड-19 की जांच कराई जा रही है। बचाव को लेकर विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली है। सीएचसी पर पांच बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित है तो जिला अस्पताल के कोविड एल टू में 100 बेड पर मरीजों के भर्ती पर उपचार की सुविधा है।
बता दें कि मौसम बदलने से लोग सर्दी, जुकाम व बुखार से पीड़ित है। इसके अलावा मरीजों में पेट, त्वचा, हड्डी, नेत्र के मरीज चपेट में आ रहे हैं। जिला अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी में इलाज कराने हेतु जा रहे हैं, जहां याद याद के दौर को डॉक्टर सर्दी जुकाम हो बुखार के लक्षण वाले मरीजों की ब्लड जांच कराने के साथ हैं कुछ में कोविड-19 मिलने पर करोना की जांच कर रहे हैं। हालांकि कुशीनगर जिले में कोरोना के एक भी मरीज अब तक नहीं मिले हैं। शासन से मिले निर्देशों के क्रम में डॉक्टर कोविड-19 की जांच कराने के साथ ही बचाव के भी तौर तरीके बता रहे हैं। यहां को कोविड एल टू वार्ड में 100 मरीजों को भर्ती कर उपचार की व्यवस्था की गई है। छाती रोग विशेषज्ञ डॉ उपेंद्र चौधरी ने बताया कि कोविड के मिलते जुलते लक्षण वाले कुछ मरीज जिला अस्पताल में पहुंच रहे है। ऐसे मरीजों की जांच में कोरोना के लक्षण नही मिल रहे है। ज्यादातर ओपीडी में सर्दी, जुकाम व बुखार, पेट दर्द, सिर दर्द के मरीज पहुंच रहे है।
सीएचसी व पीएचसी पर भी कोविड जांच की सुविधा
स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना की जांच तेज कर दी गई है। जिले के सभी सीएचसी व पीएचसी कोविड की जांच सुविधा उपलब्ध है। हर दिन 650 से 700 के करीब कोरोना की जांच कराई जा रही है। जिले में अब तक कोरोना के एक भी मरीज नहीं मिले हैं।
11 व 12 अप्रैल को जिले में होगा मांकड्रिल
सीएमओ डॉक्टर सुरेश पटारिया ने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयारियां पूरी कर ली है। जिले में 11 व 12 अप्रैल को मांकड्रील कर कोरोना की तैयारियां को जांचा जाएगा। जिला अस्पताल के कोविड-19 एल टू वार्ड में 100 बेड वह सभी सीएचसी पर 5 5 बेड आरक्षित कर लिया गया है। हर दिन जांचें भी हो रही है लेकिन अब तक कोरोना के एक भी मरीज नहीं मिले हैं। एहतियात के तौर पर लोगों से 2 गज की दूरी बनाकर रहने और मास और सेनेटाइजर का प्रयोग करने की अपील की जा रही है।