अवधनामा संवाददाता
लखीमपुर खीरी. मंगलवार को आईएमए के आवाहन पर आईएमए इकाई द्वारा अंशकालिक कार्य बहिष्कार किया गया। ज़िले के सभी आई एम ए के सदस्य चिकित्सकों द्वारा सुबह 9रू00बजे से दोपहर 2रू00 बजे तक ओपीडी सेवाएँ बंद रखी गई। प्राइवेट मेडिकल प्रोफेशनल्स वेलफेयर एशोशियेशन भवन में हुई बैठक में ज़िले के सभी चिकित्सकों ने भाग लिया इस बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई एवं आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। चिकित्सक भी इंसान हैं भगवान नहींए इमरजेंसी स्थिति को परिभाषित करने का निर्णय इलाज करने वाले चिकित्सक से बेहतर कोई नहीं कर सकताए ऐसी स्थिति में ज़रूरतमंद मरीज़ों के इलाज में बाधा पहुँचने की संभावना ज़्यादा है। चिकित्सा सेवाओं को निजी रूप से प्रदान करने में जो खर्च आता है उसका मूल्यांकन एवं भुगतान सरकार द्वारा किया जाना प्रस्तावित है परंतु इन सेवाओं को मुफ़्त में प्रदान करना एक चिकित्सक के लिए संभव नहीं है राजस्थान सरकार द्वारा चिकित्सकों को स्टेट मेडिकल काउंसिलए मानवाधिकार आयोग का सहारा लेकर एवं अन्य तरीक़ों से प्रताड़ित किया जा रहा है जिसका हम पुरज़ोर विरोध करते हैं सभी चिकिसक शासन प्रशासन एवं जानता से अपील करते हैं कि चिकित्सकों की समस्याएँ एवं सीमाओ को समझें एवं देश में उपलब्ध उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता से समझौता करने वाले इस बिल का बहिष्कार करने में हमारा सहयोग करें। इस मौके पर डॉ अमरजीत सिंह सलूजाए डॉ दिनेश दुआ एडॉ एम आर ख़ान एडॉ रमेश मेहरोत्राएडॉ जय सिंहएडॉ एसपी वर्माएडॉ धमेंद्र पालीवालएएडॉ पवन गर्ग एडॉ के के मिश्रा एडॉ प्रदीप मेहता एडॉ रूबी मेहताए डॉ आर सी पांडेय एडॉ अखिलेश वर्मा एडॉ रोचक टंडन एडॉ रवि श्रीवास्तवएडॉ अरविंद मिश्राएडॉ नीरज सिंहए डॉ अनिल वर्मा डॉ एन के वर्मा ए डॉ अशोक वर्मा एडॉ रोचक टंडन ए डॉ दिलीप मिश्राए एवं ज़िले के सभी निजी चिकित्सक मौजूद रहे।